Banswara: दो साल में दोगुने हो गए पैंथर, लेकिन 21 प्रजातियां लुप्त, वन्यजीव गणना के वन विभाग का खुलासा

जिले में पैंथर की संख्या में इजाफा होने की संभावना इसलिए भी है, क्योंकि विभाग द्वारा सालभर में वनकर्मियों द्वारा देखे गए जीवों की गणना के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में भी पैंथर की संख्या 100 पार पहुंच चुकी है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान में बांसवाड़ा जिले के वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है. जिले में पैंथर का कुनबा बढ़ने के संकेत मिले हैं. वन विभाग ने हाल ही में हुई वन्यजीव गणना के जारी किए आकंड़े यही बता रहे हैं. इस बार 24 घंटे के भीतर वनकर्मियों ने 26 पैंथर देखे. इस दौरान 7 शावक भी अपने मां के साथ नजर आए. जबकि दो साल पहले हुई गणना में महज 12 पैंथर ही दिखाई दिए थे.

यहां सबसे ज्यादा दिखे मोर

जिले में पैंथर की संख्या में इजाफा होने की संभावना इसलिए भी है, क्योंकि विभाग द्वारा सालभर में वनकर्मियों द्वारा देखे गए जीवों की गणना के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में भी पैंथर की संख्या 100 पार पहुंच चुकी है. क्षेत्रीय वन अधिकारी बांसवाड़ा गोविंदसिंह खींची ने बताया कि वन्यजीव गणना रिपोर्ट के आंकड़े वन्यजीवों के लिहाज से सकारात्मक है. 24 घंटे के दौरान सभी 6 रेंज के वनक्षेत्रों में 10353 वन्यजीव दिखाई दिए, जबकि दो साल पहले हुई गणना के दौरान 12187 जीव नजर आए थे. इस साल सबसे ज्यादा 4189 की संख्या में मोर देखे गए. गणना के दौरान 1397, मांसाहारी जीव, 4745 शाकाहारी जीव व 4214 पक्षी नजर आए.

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नहीं दिखे 21 प्रजातियां के जीव

वन्य जीव गणना के लिए 36 वन्यजीवों का कॉलम बनाया गया था. इस दौरान जिले में पूर्व में पाए जाने वाले 21 प्रजातियों के जीव नजर ही नहीं आए. इनमें से चीतल, सांभर, काला हिरण, चिंकारा, चौसिंगा, सियागोश, पैंगोलिन, भालू, भेड़िया, मरू लोमड़ी, बिज्जू बड़ा, मरू बिल्ली, मछुआरा बिल्ली, उड़न गिलहरी, माउस डियर, गोडावण, गिद्ध, जंगली मुर्गा, शिकारा पक्षी, घड़ीयाल, मगर व बाघ शामिल है. जिले में घाटोल, उंडावेल, पीपलखूंट, श्यामपुरा, मदारेश्वर, कुशलगढ़, आनंदपुरी में स्थित वन्य क्षेत्र में पैंथर और अन्य वन्य जीव गणना की गई है.

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