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Rajasthan Wildlife Census

'Rajasthan Wildlife Census' - 4 News Result(s)
  • Banswara: दो साल में दोगुने हो गए पैंथर, लेकिन 21 प्रजातियां लुप्त, वन्यजीव गणना के वन विभाग का खुलासा

    Banswara: दो साल में दोगुने हो गए पैंथर, लेकिन 21 प्रजातियां लुप्त, वन्यजीव गणना के वन विभाग का खुलासा

    जिले में पैंथर की संख्या में इजाफा होने की संभावना इसलिए भी है, क्योंकि विभाग द्वारा सालभर में वनकर्मियों द्वारा देखे गए जीवों की गणना के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में भी पैंथर की संख्या 100 पार पहुंच चुकी है.

  • राजस्थान में सुबह 8 बजे शुरू हुई वन्यजीव गणना, मचान पर बैठकर वाटर होल पद्धति से हो रही गिनती

    राजस्थान में सुबह 8 बजे शुरू हुई वन्यजीव गणना, मचान पर बैठकर वाटर होल पद्धति से हो रही गिनती

    पिछले साल बे मौसम बारिश के चलते वाटर होल पद्धति से वन्य जीव गणना नहीं हो पाई थी. ऐसे में इस बार वन्यजीवों की गणना महत्वपूर्ण हैं. वाटर होल पद्धति से वन्य जीव गणना से ही वन्यजीवों की संख्या के वास्तविक आंकड़े मिल पाएंगे.

  • Rajasthan Wildlife Census: हर साल पूर्णिमा की रात में ही क्यों होती है वन्यजीव गणना? जानें क्या है इसका रहस्य

    Rajasthan Wildlife Census: हर साल पूर्णिमा की रात में ही क्यों होती है वन्यजीव गणना? जानें क्या है इसका रहस्य

    टोंक जिले में पैंथर, सांभर, काले हिरण, हिरण, नीलगाय, सियार, लोमड़ी, जरख, जंगली बिल्ली, भेड़िया, सेही, मोर आदि वन्यजीवों पर वन्यकर्मियों की नजर रहेगी. वॉटर हाल पद्दति पर आधारित इस वन्यजीव गणना में इस बार कैमरा ट्रैप का भी उपयोग किया जा रहा है.

  • Wildlife Census: चित्तौड़गढ़ के इन 2 अभ्यारण्यों में वन्यजीवों के गणना की जगी उम्मीद, जानें कैसे होती है गणना 

    Wildlife Census: चित्तौड़गढ़ के इन 2 अभ्यारण्यों में वन्यजीवों के गणना की जगी उम्मीद, जानें कैसे होती है गणना 

    Wildlife Census: चित्तौड़गढ़ के इन 2 अभ्यारण्यों में वन्यजीवों के गणना की जगी उम्मीद, जानें कैसे होती है गणना चित्तौड़गढ़ के अभ्यारण्य में वन्यजीवों की गणना हुए काफी दिन बीत चुके हैं. कोरोना और खराब मौसम के चलते गणना नहीं हो सकी थी, ऐसे में अब फिरसे गणना होने की उम्मीद जताई जा रही है. 

'Rajasthan Wildlife Census' - 1 Photos Result(s)
'Rajasthan Wildlife Census' - 4 News Result(s)
  • Banswara: दो साल में दोगुने हो गए पैंथर, लेकिन 21 प्रजातियां लुप्त, वन्यजीव गणना के वन विभाग का खुलासा

    Banswara: दो साल में दोगुने हो गए पैंथर, लेकिन 21 प्रजातियां लुप्त, वन्यजीव गणना के वन विभाग का खुलासा

    जिले में पैंथर की संख्या में इजाफा होने की संभावना इसलिए भी है, क्योंकि विभाग द्वारा सालभर में वनकर्मियों द्वारा देखे गए जीवों की गणना के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में भी पैंथर की संख्या 100 पार पहुंच चुकी है.

  • राजस्थान में सुबह 8 बजे शुरू हुई वन्यजीव गणना, मचान पर बैठकर वाटर होल पद्धति से हो रही गिनती

    राजस्थान में सुबह 8 बजे शुरू हुई वन्यजीव गणना, मचान पर बैठकर वाटर होल पद्धति से हो रही गिनती

    पिछले साल बे मौसम बारिश के चलते वाटर होल पद्धति से वन्य जीव गणना नहीं हो पाई थी. ऐसे में इस बार वन्यजीवों की गणना महत्वपूर्ण हैं. वाटर होल पद्धति से वन्य जीव गणना से ही वन्यजीवों की संख्या के वास्तविक आंकड़े मिल पाएंगे.

  • Rajasthan Wildlife Census: हर साल पूर्णिमा की रात में ही क्यों होती है वन्यजीव गणना? जानें क्या है इसका रहस्य

    Rajasthan Wildlife Census: हर साल पूर्णिमा की रात में ही क्यों होती है वन्यजीव गणना? जानें क्या है इसका रहस्य

    टोंक जिले में पैंथर, सांभर, काले हिरण, हिरण, नीलगाय, सियार, लोमड़ी, जरख, जंगली बिल्ली, भेड़िया, सेही, मोर आदि वन्यजीवों पर वन्यकर्मियों की नजर रहेगी. वॉटर हाल पद्दति पर आधारित इस वन्यजीव गणना में इस बार कैमरा ट्रैप का भी उपयोग किया जा रहा है.

  • Wildlife Census: चित्तौड़गढ़ के इन 2 अभ्यारण्यों में वन्यजीवों के गणना की जगी उम्मीद, जानें कैसे होती है गणना 

    Wildlife Census: चित्तौड़गढ़ के इन 2 अभ्यारण्यों में वन्यजीवों के गणना की जगी उम्मीद, जानें कैसे होती है गणना 

    Wildlife Census: चित्तौड़गढ़ के इन 2 अभ्यारण्यों में वन्यजीवों के गणना की जगी उम्मीद, जानें कैसे होती है गणना चित्तौड़गढ़ के अभ्यारण्य में वन्यजीवों की गणना हुए काफी दिन बीत चुके हैं. कोरोना और खराब मौसम के चलते गणना नहीं हो सकी थी, ऐसे में अब फिरसे गणना होने की उम्मीद जताई जा रही है. 

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