राजस्थान में शुरू हुई वन्यजीवों की गणना, सामने आईं खूबसूरत तस्वीरें
वैशाख की पूर्णिमा (पीपल पूर्णिमा) के रात को चांद की रोशनी का तेज ज्यादा होता है. इस दिन बीना किसी रोशनी की मदद से वन्यजीवों को आसानी से चांदनी वाली रात में (moon light night )आंखों से ही देखा जा सकता है. इसमें वन्य जीव जंगल मे दूर से ही बिना किसी कृत्रिम लाइट के आसानी से नजर आ जाते हैं. यही कारण है कि हर साल वैशाख पूर्णिमा के दिन राजस्थान में वन्यजीवों की गणना की जाती है.
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राजस्थान के टोंक में हर साल की तरह से 40 जलस्रोतों पर गुरुवार की सुबह 8 बजे से पीपल पूर्णिमा के अवसर पर वन्यजीवों गणना की जा रही है. पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में की जाने वाली यह वन्यजीवों की गणना इसलिए भी खास है, क्योंकी इस बार पहली बार जिले में 10 कैमरा ट्रैप का इस्तेमाल वन्यजीव गणना में किया जा रहा है.