Banswara News: ट्रेजरी ऑफिस (Treasury Office) बांसवाड़ा में 5 करोड़ से अधिक का स्टांप घोटाला करने का मामला सामने आया है. इस घोटाले को स्टोर कीपर और स्टांप वेंडर ने मिलकर अंजाम दिया है. कोषाधिकारी द्वारा स्टांप का भौतिक सत्यापन कराया तो इसका खुलासा हुआ. मामले में विभाग के कर्मचारी और स्टांप वेंडर के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है और इसमें स्टोर कीपर और स्टांप वेंडर सहित दो अन्य को हिरासत में लिया गया है. वहीं कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत ने आदेश जारी कर कार्मिक को निलंबित कर दिया है.
चार लोग हिरासत में लिए गए
कोषाधिकारी हितेश गौड़ ने बांसवाड़ा के कोतवाली थाने में मंगलवार को मामला दर्ज कराया है. गौड़ ने कार्यालय के स्टोर इंचार्ज नारायण लाल यादव और स्टाम्प वेंडर आशीष जैन के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. मामले में पुलिस जांच में जुट गई और शुरुआती तौर में नारायण लाल यादव और आशीष जैन सहित 2 अन्य को हिरासत में लिया गया. साथ ही वेंडर के घर से भी इससे जुड़ा सामान जब्त किया गया है.
जानकारी के अनुसार, जिला कोषाधिकारी गौड़ ने बताया कि उन्होंने 23 फरवरी को पदभार ग्रहण किया. इसके बाद स्ट्रॉन्ग रूम में रखे स्टांप के भौतिक सत्यापन के लिए कमेटी का गठन किया गया. कमेटी की जांच में सामने आया कि जो ऑनलाइन स्टॉक है और स्ट्रॉन्ग रूम में स्टांप उपलब्ध हैं, उनमें अंतर है. जांच में सामने आया कि यह अंतर 5 करोड़ 23 लाख 88 हजार 511 रुपए की लागत के स्टांप का है. जिला कोषाधिकारी ने इस गबन में स्टोर कीपर नारायणलाल यादव और वेंडर आशीष जैन की मिलीभगत मानते हुए कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है.
स्टॉक में अंतर मिलने बनी जांच कमेटी
जांच रिपोर्ट मिलने के बाद गत 24 अप्रैल को इसी रिपोर्ट के आधार पर OSIS (सॉफ्वेयर) से मिले पिछले सालों के वेंडर सेल रिपोर्ट और सिंगल डबल लॉक रजिस्टर का मिलान किया. इसमें पाया गया कि 1 अप्रैल 2022 से 31 जुलाई 2022 तक स्पेशल adhesive 500.00 के 3,15,758 स्टांप डबल लॉक से निकाले गए, लेकिन इस अवधि में केवल 1394 स्टांप ही बेचे गए. कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत बताया कि कोष अधिकारी ने जब जॉइन किया तो उन्होंने एक बार स्ट्रॉन्ग रूम का अवलोकन किया.
उन्हें शुरू में कुछ लगा कि ऑनलाइन स्टॉक में और वर्तमान में उपलब्ध स्टांप में कुछ अंतर है तो उन्होंने इसके लिए जांच कमेटी बनाई. इसमें यह पूरा मामला सामने आया. जिस कर्मचारी और वेंडर की लिप्तता थी, उसके खिलाफ केस दर्ज करा दिया है और पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. विभागीय कार्यवाही के तहत कार्मिक को निलंबित कर दिया है.
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