Baran Woman's Delivery: आजादी के दशकों बाद भी बारां जिले के आदिवासी क्षेत्र के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. चिकित्सा सुविधा नहीं होने पर सड़क पर ही पर्दे की ओट में महिला का प्रसव ग्रामीण महिलाओं ने करावाया. इस तरह के मामला हमें आज भी 50 साल पीछे लेकर जाता था. राजस्थान के बारां जिले के किशनगंज क्षेत्र में हो रही बरसात से तहसील क्षेत्र के करवरी कलां और सुवांस ग्राम पंचायत मुख्यालय को जोड़ने वाले मार्ग पर पड़ने वाली करवरी खुर्द नदी में तेज उफान आ गया. इस दौरान नदी की पुलिया की सड़क बह गई, जिससे रास्ता बंद हो गया. ऐसे में इस क्षेत्र के दौलतपुरा ग्राम निवासी एक गर्भवती महिला की टूटी पुलिया के नजदीक ही प्रसव करना पड़ा.
पुलिया बहने की वजह से गर्भवती महिला समय से हॉस्पिटल नहीं पहुंच सकी. इस दौरान साथ में आई महिलाओं द्वारा रास्ते में ही प्रसव करवाया गया. यह लोगों की मजबूरी को दर्शाता है ऐसा करना काफी खरनाक भी साबित हो सकता था. लेकिन मजबूर लोगों के पास दूसरा कोई चारा नहीं था.
मां और बच्ची दोनों सुरक्षित
करवरीकलां निवासी समाजसेवी चंद्रसिंह ने बताया कि करवरीखुर्द नदी में तेज उफान की वजह से पुलिया की सड़क पूरी तरह बह गई, जिससे तहसील मुख्यालय का संपर्क कट गया. ऐसे में शुक्रवार सुबह दौलतपुरा निवासी रामकली बाई के साथ आई महिलाओं द्वारा आड़ करके प्रसव करवाना पड़ा. गर्भवती महिला के प्रसव में बच्ची को जन्म दिया. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
इस दौरान तहसीलदार अभयराज सिंह को जानकारी मिलने पर किशनगंज थाना सीआई विनोद कुमार मीणा एसडीआरएफ टीम को लेकर करवरी खुर्द नदी पर पहुंचे. इस दौरान उनके साथ एएसआई सूरजमल व रेलावन अस्पताल के डॉ. रवि और नर्स लीला भी उनके साथ थी. एसडीआरएफ टीम के साथ सभी ने नदी पार कर गर्भवती महिला का उपचार किया, फिर साथ में रेलावन चिकित्सालय लाया गया.
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