Baran News: राजस्थान के बारां जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जो शहर की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की पोल खोलती हुई दिख रही है. यह घटना शहर के आदिवासी इलाके शाहबाद की है, जहां एक गर्भवती महिला को समय पर एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण वह काफी देर तक बीच सड़क पर दर्द से तड़पती रही. जिससे उसके नवजात का आधा शरीर दिखाई देने लगा था. उसकी इस हालत से परिवार के लोग काफी डर गए थे.
एम्बुलेंस की देरी से बीच सड़क पर घंटो तड़पती रही महिला
मामले के बारे में लोगों ने बताया कि महिला और उसका परिवार शाहाबाद आदिवासी इलाके के सूखा सेमली में रहते हैं. महिला नौ महीने की प्रेग्नेंट थी, बुधवार को अचानक महिला सोना सहरिया की तबीयत बिगड़ने लगी, जिस पर परिवार ने एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस के समय पर न पहुंचने के कारण महिला की बीच सड़क पर ही तबीयत बिगड़ गई. और वह दर्द से कराहती रही.उसकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि उसके गर्भ में पल रहे नवजात का आधा शरीर सड़क पर ही गर्भ से बाहर निकलता हुआ दिखाई देने लगा था.
सड़क पर आ गया था नवजात का आधा शरीर बाहर
नवजात का आधा शरीर बाहर आता हुआ देख परिवार काफी दर गया था. इसी बीच, वहां से गुजर रहे केलवाड़ा के रहने वाले सुनील शाक्यवाल और कैलाश राठौर ने इंसानियत दिखाते हुए अपने जान-पहचान वाले की कार रुकवाई और गंभीर हालत में गर्भवती महिला को तुरंत अस्पताल पहुंचाया. लेकिन केलवाड़ा के सब-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के कैंपस में पहुंचते ही महिला ने कार में ही एक बच्ची को जन्म दे दिया. हालात की गंभीरता को देखते हुए केलवाड़ा हॉस्पिटल के स्टाफ ने तुरंत मां की देखभाल शुरू कर दी. साथ ही, बच्चे को तुरंत एक साफ कपड़े में लपेटकर देखभाल के लिए शिशु वार्ड में ले जाया गया. साथ ही, महिला को देखभाल के लिए दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. इसके बाद हॉस्पिटल के डॉक्टर अमित भारतीय ने महिला के बारे में अपडेट देते हुए कहा कि मां और बच्चा दोनों खतरे से बाहर हैं और हॉस्पिटल स्टाफ उनकी ठीक से देखभाल कर रहा है.
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