Dungarpur News: डूंगरपुर जिले में मंगलवार को इंसानियत के दो विपरीत चेहरे देखने को मिले. एएक चेहरा था संवेदनहीन तमाशबीनों की हजारों की भीड़ का, और दूसरा था एक अकेली महिला के सहास का. जिसकी बहादुरी और समझदारी की मिसाल की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है. घटना मंगलवार सुबह हीराता गांव में हुई जब एक कार बेकाबू होकर पुलिया से जा टकराई और अचानक 10 फीट नीचे पानी से भरे गड्ढे में गिर गई. इसमें तीन जिंदगियां जिंदगी और मौत के बीच फंस गईं. वे कार में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। लेकिन हादसे के बाद पुलिया के ऊपर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी, लेकिन किसी ने हिम्मत जुटाकर परिवार को बचाने की कोशिश नहीं की. ऐसे में इंसानियत को जिंदा रखते हुए पास के घर में रहने वाली एक महिला ने अकेले ही पानी में डूब रहे परिवार के तीनों लोगों को बाहर निकाल कर उनकी जान बचाई.
ऐसे हुआ हादसा
शहर के बालाजी नगर निवासी धर्मेश यादव अपनी पत्नी शिल्पा यादव और 11 माह के बेटे के साथ सुबह कार से फोफली बोर गांव में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे. जैसे ही वे हिराता गांव में धरतीमाता जीएसएस के पास पहुंचे उनकी कार का अचानक संतुलन बिगड़ गया और गाड़ी पुलिया से सीधे 10 फीट नीचे गहरे पानी के गड्ढे में गिर गई . कार लगभग पूरी तरह पानी में डूब चुकी थी, केवल उसकी छत दिखाई दे रही थी.
भीड़ बनी तमाशबीन, महिला ने दिखाई हिम्मत
कार गिरने की सूचना पर मौके पर तुरंत लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. घंटों तक लोग पुलिया पर खड़े होकर तमाशा देखते रहे, लेकिन किसी ने भी कार में फंसे लोगों को बाहर निकालने की हिम्मत नहीं दिखाई. ऐसे में वही पास में रहने वाली एक महिला सुरता परमार ने बिना समय गंवाए अपनी बेटी के साथ घर से दौड़ी और पानी से भरे गड्ढे में कूद पड़ी . और पास जाकर कार को अंदर झांककर देखा कि गाड़ी में पति-पत्नी और एक मासूम बच्चा औंधे मुंह फंसे हुए हैं, और पानी उनकी गर्दन तक पहुंच चुका है.

जाने बचाने वाली महिला सुरता परमार
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डूबते परिवार को जिंदा निकाला बाहर
ऐसे में महिला ने साहस दिखाते हुए उन्होंने पहले कार के शीशे तोड़ने की कोशिश की, पर नाकाम रहीं. इसके बाद मदद के लिए चिल्लाने पर भीड़ में से दो युवक नीचे आए. जिसके बाद बेटी आयुषी और दो युवको की मदद से सबसे पहले उन्होंने कार का कांच तोड़ा और गेट खोलने की कोशिश की, जिसमें एक युवक के हाथ में चोट भी आई. इसके बाद दरवाजा खोलकर 11 माह के मासूम को बाहर निकाला. इसके बाद पति-पत्नी को निकाला.
इनाम ठुकराकर किया फर्ज पूरा
इसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी. सूचना मिलने पर पुलिस के साथ 108 एम्बुलेंस के मौके पर पहुंची, जहां वह पुलिस की मदद के साथ घायलों को लेकर जिला अस्पताल गईं, जहां उनका उपचार चल रहा है. वही अस्पताल में घायल परिवार के परिजनों ने सुरता परमार को उनकी बहादुरी के लिए इनाम स्वरूप रुपए देने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने साफ इनकार किया.