बारां में लाल मुंह वाले बंदरों का आतंक, 1 साल में 50 लोग घायल; नगर परिषद ने पिंजरों में डाला

राजस्थान के बारां शहर में लाल मुंह वाले बंदरों का आतंक खत्म हो गया है. एक साल से लोगों को परेशान कर रहे बंदरों को विशेषज्ञ टीम ने दो दिन में पकड़ लिया. नगर परिषद की रणनीति सफल रही है. 

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बारां में लाल मुंह वाले बंदरों ने मचाया आतंक.

Rajasthan News: राजस्थान के बारां शहर में पिछले एक साल से लाल मुंह वाले बंदरों ने लोगों की जिंदगी मुश्किल बना रखी थी. इन वानरों के हमलों से करीब 50 से ज्यादा लोग घायल हो चुके थे. शहर में डर का ऐसा माहौल था कि लोग घर से बाहर निकलने में भी हिचकिचाते थे. लेकिन अब नगर परिषद की मेहनत रंग लाई है और बाहर से आई विशेषज्ञ टीम ने दो दिनों में ही इन हमलावर बंदरों को पकड़ लिया. इससे शहरवासियों को बड़ी राहत मिली है. 

आतंक की शुरुआत और बढ़ती दहशत

शहर की गलियों और मोहल्लों में ये लाल मुंह वाले बंदर लंबे समय से परेशानी का सबब बने हुए थे. वे राह चलते लोगों पर अचानक झपट्टा मारते और गंभीर चोट पहुंचाते.  कई बार तो बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जाता. पिछले साल से यह समस्या लगातार बढ़ रही थी जिससे लोगों का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हो रहा था.  नगर परिषद को लगातार शिकायतें मिल रही थीं लेकिन शुरुआती प्रयासों में सफलता नहीं मिल पाई. 

पहले प्रयास की असफलता

इससे पहले भी नगर परिषद ने बाहर से एक टीम बुलाकर बंदरों को पकड़ने की कोशिश की थी. लेकिन उन वानरों की तेज चालाकी और आक्रामक स्वभाव के कारण वह अभियान विफल रहा. टीम को कोई बड़ा परिणाम नहीं मिल सका और समस्या जस की तस बनी रही. शहरवासी निराश हो चुके थे और वे लगातार अधिकारियों से गुहार लगा रहे थे. 

इस बार की सफल रणनीति

लेकिन इस बार नगर परिषद ने नई योजना बनाई और एक अनुभवी विशेषज्ञ टीम को बुलाया. टीम ने शहर पहुंचते ही तेजी से काम शुरू किया. उनकी विशेष तकनीकों और सालों के अनुभव की बदौलत सिर्फ दो दिनों में अभियान सफल हो गया.हमलावर बंदरों को सुरक्षित तरीके से पकड़ा गया जिससे अब शहर में शांति का माहौल है.

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स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब वे बिना डर के बाहर घूम सकते हैं. विशेषज्ञ टीम की कामयाबी से साबित होता है कि सही रणनीति और मेहनत से किसी भी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है. नगर परिषद ने भी आश्वासन दिया है कि वे ऐसी घटनाओं पर नजर रखेंगे.

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