बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में महिला के साथ छेड़छाड़, कलेक्टर टीना डाबी के संज्ञान में आने पर कार्रवाई

महिला अपनी जेठानी को लेकर टांके हटवाने के लिए राजकीय अस्पताल के कमरा नंबर 15 में पहुंची थी. अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग कर्मी ने उसका हाथ पकड़ लिया.

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Rajasthan News: बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में महिला मरीज के साथ आई एक महिला रिश्तेदार के साथ एमओटी में नर्सिंग स्टाफ द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. विरोध और हंगामे के बाद पहले तो छेड़खानी करने वाले कर्मी को एमओटी से हटाकर मामला रफादफा करने की कोशिश की गई. हालांकि, कलेक्टर टीना डाबी के संज्ञान में आने पर आरोपी नर्सिंग स्टाफ को एपीओ कर दिया गया. 

रिश्तेदार को साथ लाई थी महिला

जानकारी के अनुसार, 18 सितंबर को सिजेरियन डिलीवरी के बाद लगे टांके खुलवाने एक महिला अपनी रिश्तेदार के साथ बाड़मेर के राजकीय अस्पताल पहुंची थी. अस्पताल में कमरा नंबर 15 (MOT) में कार्यरत एक मेल नर्सिंगकर्मी द्वारा महिला रिश्तेदार के साथ बदसलूकी की गई, जिसके चलते महिला के परिजनों ने मौके पर हंगामा शुरू कर दिया. पहले तो अस्पताल प्रशासन ने महिला के रिश्तेदारों को समझा बुझाकर मामला शांत करवाने प्रयास किए गए, लेकिन गुस्साएं परिजन आरोपी नर्सिंग कर्मी को हटाने की मांग करने लगे. 

इसके बाद अस्पताल प्रशासन में तुरंत आरोपी नर्सिंगकर्मी को रूम नंबर 15 से हटाकर मामले को रफा दफा कर दिया. जब यह मामला जिला कलेक्टर टीना डाबी के संज्ञान में आया तो बाद में आरोपी को एपीओ कर दिया गया. अस्पताल प्रशासन ने इस मामले को लेकर एक जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं. परिजनों का कहना है कि महिला (अटेंडर) की जेठानी की कुछ दिन पहले सिजेरियन डिलीवरी हुई थी. महिला अपनी जेठानी को लेकर टांके हटवाने के लिए राजकीय अस्पताल के कमरा नंबर 15 में पहुंची थी.

महिला का हाथ पकड़ने का आरोप

इस दौरान अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग कर्मी ने उसका हाथ पकड़ लिया, जब इसका महिला ने विरोध किया तो आरोपी नर्सिंगकर्मी ने उनके साथ गाली-गलौज करनी शुरू कर दी और कमरे से बाहर निकालने का प्रयास करने लगा. सूचना पर पहुंचे महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन को आरोपी के खिलाफ लिखित में बदसलूकी की शिकायत भी दी थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन कार्रवाई करने के बजाएं मामले को दबाने में लगा रहा. हालांकि, कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की गई.  

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मामले में बाड़मेर राजकीय अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बी एल मंसूरिया आरोपी का बचाव करते हुए नजर आए. उनका कहना है कि परिजनों द्वारा छेड़छाड़ की नहीं, दुर्व्यवहार की शिकायत दी गई है. अस्पताल में भीड़ ज्यादा थी. इसकी वजह से धक्का लग गया होगा. इस मामले में जांच कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी है. दोषी पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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