10 दिन में हजारों मछलियों की मौत, बाड़मेर का टूरिस्ट स्पॉट जसदेर धाम क्यों बना मछलियों का क्रबगाह?

जसदेर धाम तालाब में हो रही मछलियों की मौत के बारे में वन्य जीव प्रेमियों ने बताया कि वन विभाग ने बड़ी संख्या में पौधरोपण करवाया है. जिसके लिए विभाग ने पानी छोड़ यह पानी प्रदूषित था, जो तालाब में पहुंच गया और मछलियों की मौत का कारण बना.

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जसदेर धाम तालाब में मरी पड़ी हुई मछलियां

Barmer Fish Death News: राजस्थान में बाड़मेर शहर के टूरिस्ट स्पॉट जसदेर धाम के तालाब में बड़ी संख्या में मछलियों की लगातार मौत हो रही है. यह जगह शहर के लोगों के लिए पिकनिक स्पॉट और धार्मिक स्थल है, लेकिन पिछले 10 दिनों में यहां हजारों मछलियों की मौत हो गई. इस वजह से आस-पास के इलाके में भारी दुर्गंध हो गई और लोगों ने यहां आना बंद कर दिया. ऐसे में पूरे तालाब में संक्रमण फैलने से बाकी मछलियों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है. वहीं जलदाय विभाग की टीम अभी तक मछलियों की मौत का कारण पता नहीं लगा पाई है. इस घटना से वन्य जीव प्रेमियों में बहुत रोष हैं. 

नहीं लग रहा मौत के कारण का पता 

स्थानीय लोगों ने बताया कि केमिकल युक्त और सीवरेज के दूषित पानी से मछलियों की मौत हो रही हैं, लेकिन नगर परिषद जलदाय विभाग और वन विभाग अपनी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं. जलदाय विभाग का कहना हैं कि तालाब में आने वाला पानी उनके विभाग का नहीं हैं. इसके साथ ही नगर परिषद भी सीवरेज के पानी से इंकार कर चुका हैं.

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ऐसे में मछलियों की मौत के कारणों के साथ-साथ यह पानी भी एक पहेली बनता जा रहा है कि ये कहां से आ रहा है. वन्य जीव प्रेमी इन मछलियों की जान बचाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन प्रशासन से उनको किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल रही है.

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तालाब के बाहर मरी पड़ी हुई मछलियां

शहरवासियों के लिए था पिकनिक स्पॉट

यह तालाब पिछले कुछ सालों से शहर वासियों के लिये पिकनिक स्पॉट और महिलाओं के लिए तीज त्योहार में पूजा के लिए धार्मिक स्थल के रूप में विकसित हुआ, लेकिन शिव शक्ति जसदेर धाम इन दिनों खतरे में हैं. इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है, जो बाड़मेर नगर परिषद और जलदाय विभाग के पानी से हो रहा हैं. जसदेर धाम के तालाब में मछलियों की मौत से धाम के इर्द-गिर्द भारी दुर्गंध फैली हुई हैं. 

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तालाब में मरी पड़ी हुई मछलियां

जलदाय विभाग ने छोड़ा प्रदूषित पानी

वन्य जीव प्रेमियों के अनुसार तालाब के आगौर में वन विभाग ने बड़ी संख्या में पौधरोपण करवाया है और इन पौधों में पानी के लिए पास ही स्थित जलदाय विभाग के फिल्टर प्लांट से निकलने वाले एक्स्ट्रा पानी को जोड़ दिया गया. यह पानी वन विभाग के पौधा रोपण से होकर जसदेर तालाब तक पहुंच गया जिससे तालाब भर रहा हैं, लेकिन इस पानी के साथ तालाब में प्रदूषित और बदबूदार पानी भी आ रहा हैं. प्रदूषित पानी की वजह से तालाब में विचरण कर रही मछलियों की मौत हो रही हैं. 

तालाब के अंदर मरी मछलियां को खाते हुए गिद्ध

अधिकारी कर रहे अनदेखी 

वन्य जीव प्रेमियों ने आगे बताया कि हमने नगर परिषद, जलदाय विभाग और वन विभाग को सूचित कर दिया. इसके बाद सभी विभागों के अधिकारी मौके पर भी पहुंचे, लेकिन स्थितियां देखकर लौट गया और वापस नहीं आए. अधिकारी दिखावे के लिए एक बार पानी का सैंपल भी लेकर गए, लेकिन उसका रिजल्ट क्या रहा अभी तक नहीं बताया गया. वहीं तालाब में मछलियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. यदि दो-तीन दिन तक यहीं स्थित रही तो इस तालाब में एक भी मछली नहीं बचेगी.

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