Rajasthan Politics: रविंद्र भाटी का चुनाव चिन्ह 'सेब' हाथ में लिए मुस्लिम-राजपूत नेताओं की फोटो वायरल, क्या मिल गया मुसलमानों का समर्थन? जानें सच

Lok Sabha Elections 2024: बाड़मेर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे शिव विधायक रविंद्र भाटी ने यहां के मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. 12 अप्रैल को पीएम मोदी यहां भाजपा प्रत्याशी के लिए जनसभा करने वाले हैं. लेकिन इससे पहले सोशल मीडिया पर भाटी का चुनाव चिन्ह 'सेब' हाथ में लिए मुस्लिम-राजपूत नेताओं की तस्वीर वायरल हो रही है. जानिए क्या है इस फोटो का सच?

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
हाथ में सेब लिए मुस्लिम-राजपूत समाज के नेता.

Ravindra Bhati Election Campaign: बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट पर चुनाव के बीच मीठी ईद और गणगौर की तीज के मौके पर वायरल हो रही एक तस्वीर ने राजनितिक गलियारों में चर्चाओं, अफवाहों और कयासों की बारिश कर दी है.कोई इस तस्वीर को गंगा जमुना तहजीब और हिन्दु-मुस्लिम भाईचारे का नाम दे रहा है तो कोई इस तस्वीर को राजनितिक सम्भावना का संकेत बता रहा है. हालांकि इस तस्वीर को लेकर हो रहे अलग-अलग दावों की सच्चाई जानने के लिए हमने इस तस्वीर में मौजूद दो शख्सियतों पर फोन पर बात भी की, जिससे इस तस्वीर का सच भी सामने आ गया है. लेकिन पहले इस तस्वीर के सामने आने के बाद लग रहे कयासों और इसमें मौजूद लोगों से आपको रूबरू करवाते है.

भाटी समर्थक राजपूत नेताओं के साथ मुस्लिम नेताओं की तस्वीर

वायरल हो रही इस तस्वीर में नजर आ रहे कुछ लोग मुस्लिम समुदाय के धर्म गुरु परिवार से ताल्लुक रखते हैं. ये लोग पश्चिमी राजस्थान की राजनीति में सक्रिय रहते है. वहीं कुछ लोग राजपूत समाज के नेता है और राजपूत समाज के तमाम सामाजिक कार्यक्रमों में अपनी भूमिका निभाते है. रविंद्र सिंह भाटी के समर्थक है. इतना ही नही इस फोटो को नजर आ रहे लोगों के हाथ में मीठी ईद के मौक़े पर बधाई देने के साथ साथ सेब नजर आ रही है और लोकसभा चुनाव में रविंद्र सिंह भाटी का चुनाव चिन्ह में सेब है. 

Advertisement

सरहद के सुल्तान कहे जाने वाले फकीर परिवार के घर की तस्वीर

यह तस्वीर फकीर परिवार के घर की बताई जा रही है. जी हां...वही फकीर परिवार को सिंधी मुस्लिम परिवारों के मसीहा व धर्मगुरु है. इस परिवार के मुखिया सालेह मोहम्मद स्वयं पिछली गहलोत सरकार पोखरण से विधायक व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. पश्चिमी राजस्थान की राजनीति में यह फकीर परिवार काफी प्रभाव रखता है और मुस्लिम समुदाय के लोग इन्हे सरहद का सुल्तान भी कहते हैं. वही राजपूत समाज के लोगों में मौजूद एडवोकेट सवाई सिंह देवड़ा राजपूत समाज के युवाओं में अपनी पकड़ रखते हैं.

Advertisement

फकीर परिवार के सदस्यों के हाथ में राजपूत समाज द्वारा मीठी ईद के मौके पर सेब थमाते हुए फोटो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है. कोई इस तस्वीर को मुस्लिम वोटर्स के समर्थन का संकेत बताता है तो कोई इसे राजनितिक सौदा. कई लोग कहते है कि ईद के मौक़े पर यह गंगा जमुना तहजीब का बड़ा उदाहरण है.

Advertisement

राजपूत नेता ने दबे जुबान में भाटी के समर्थन की बात कही

हमने इस वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए इस तस्वीर में मौजूद फकीर परिवार के सदस्य अमीन खान और राजपूत समाज के सवाई सिंह देवड़ा से बातचीत की. सवाई सिंह देवड़ा ने कहा कि 36 कौम के लोग रविंद्र का समर्थन कर रहे हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के काम करने के तरीके से अब बाड़मेर जैसलमेर की जनता त्रस्त थी और उन्हें रविंद्र के रूप में एक विकल्प मिला है.

हमने जब इस तस्वीर का जिक्र किया तो उन्होंने गोल मटोल जवाब देते हुए कहा कि फकीर परिवार कांग्रेस में है. लेकिन बातों ही बातों में यह भी का दिया कि कई बड़े नेता दोनों ही पार्टियों में हैं जो साइलेंट है और उनके समर्थक रविंद्र को वोट करेंगे. अंत में उन्होंने कहा कि इस बार संकेत नहीं रविंद्र को समर्थन मिल रहा है. लेकिन फकीर परिवार के साथ फोटो को लेकर वह खुलकर नहीं बोले और फोन रख दिया.

फकीर परिवार के लोग बोले- हम कांग्रेस में थे, हैं और रहेंगे

इसके बाद हमने फकीर परिवार के सदस्य को पूर्व में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रह चुके अमीन खान से फोन पर बातचीत की. अमीन खान ने कहा कि आज ईद का मौका है, हमारे परिवार से 36 कौम के लोग जुड़े हैं और ईद पर मुबारकबाद देने आते है.

उन्होंने आगे कहा कि आप जिस तस्वीर का जिक्र कर रहे है वो आज ही का है. राजपूत समाज के लोग भी हमारे परिवार से काफी जुड़ाव रखते है और ईद की बधाई देने आए तो उनके हाथ में सेब का टोकरा था उन्होंने हमें सेब हाथ में दी और गले मिलकर ईद का त्यौहार बनाया. अब इस तस्वीर को राजनितिक रूप देना गलत है, हम कांग्रेस में ,कांग्रेस में है और आगे भी रहेंगे.

यह भी पढ़ें - सूरत-मुंबई में भी 'रावसा' का जलवा, चुनाव प्रचार के बीच बाड़मेर छोड़ गुजरात-महाराष्ट्र क्यों घूम रहे रविंद्र भाटी?

Analysis: रविंद्र भाटी की रैली में जुटी भीड़ ने उड़ाए विरोधियों के होश, उम्मेदा की उम्मीद बचेगी या कैलाश फिर बनेंगे चौधरी?