Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव के बाद बाड़मेर कांग्रेस के नेताओं में जारी आपसी खींचतान रुकने का नाम नहीं ले रही है. लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थन करने के आरोप को लेकर कई नेताओं के खिलाफ पार्टी हाई कमान ने कार्रवाई करते हुए बाहर का रास्ता दिखाया था, लेकिन इस बार मामला बाड़मेर जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने अपनी ही पार्टी के नगर परिषद बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए घोटाले के आरोप लगाए हैं और जिला कलेक्टर से जांच की मांग की है. बाड़मेर सांसद की इस मांग को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी में आपसी कलह से जोड़कर देखा जा रहा है.
कांग्रेस में कई नेताओं ने किया था भीतरघात
दरअसल, बाड़मेर जैसलमेर में लोकसभा सीट से कांग्रेस से उम्मेदाराम बेनीवाल, भाजपा से पूर्व मंत्री कैलाश चौधरी और शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. चुनाव के बाद सांसद ने पूर्व मंत्री अमीन खान मेवाराम जैन सहित कई नेताओं पर भीतरघात का आरोप लगाते हुए पार्टी कमान से शिकायत की थी, जिसके बाद पार्टी हाई ने कार्रवाई करते हुए इन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया था. बाड़मेर नगर परिषद के कई कांग्रेसी पार्षदों पर भी निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी का साथ देने के आरोप लगे थे. इनमें सभापति सहित कई पार्षदों को पूर्व विधायक मेवाराम जैन का करीबी माना जाता है. ध्यान देने वाली बात है कि बाड़मेर नगर परिषद में कांग्रेस पार्टी का बोर्ड है और उम्मेदा राम बेनीवाल कांग्रेस पार्टी से सांसद हैं.
फर्जी पट्टा जारी करने का सांसद का आरोप
सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने बाड़मेर जिला कलेक्टर को दो पत्र लिखकर साल 2020 के बाद बाड़मेर नगर परिषद से जारी पट्टों की जांच करने की मांग की है. उनका आरोप है कि नगर परिषद ने इस अवधि के दौरान कई फर्जी पट्टे जारी किए हैं, जिसमें करोड़ों रुपए का घोटाला होने के साथ बड़ी संख्या में सरकारी जमीन भू माफियाओं ने हथिया ली है. यहां तक की एक ही भूखंड पर कई लोगों ने पट्टे जारी करवा दिए. इसमें नगर परिषद के कई अधिकारियों में बंदर बांट हुई.
सांसद ने अपनी पार्टी की तत्कालीन सरकार की इंदिरा राशि योजना में सामग्री आपूर्ति में फर्जी बिलों के आधार पर अवैध रूप से करोड़ों रुपए का भुगतान जारी करने के आरोप लगाए हैं, जबकि राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में इंदिरा रसोई शुरू करने के लिए पंचायती राज विभाग को फंड जारी कर दिया था. बावजूद इसके नगर परिषद ने अपने चाहतों को फायदा पहुंचाने के लिए सिर्फ दो फर्मों के फर्जी बिल के आधार पर करोड़ों रुपए का भुगतान जारी कर दिया.
बाड़मेर जैसलमेर सांसद उमेदाराम बेनीवाल द्वारा घोटाले और फर्जीवाड़ी के मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग को लेकर बाड़मेर नगर परिषद बोर्ड के सभापति दिलीप माली का कहना है कि जो पट्टे जारी करने को लेकर जो शिथिलता सर्कुलर जारी होते हैं. वह अधिकारियों के नाम जारी होते हैं. जन्म प्रतिनिधि होने के नाते मेरे पास जो भी फाइल आई, उस पर मैंने नियम अनुसार कार्रवाई करने का लिखा है. ऐसे में कोई नियम के खिलाफ काम हुआ है तो इसकी निष्पक्ष जांच हो जाएगी. वहीं इंदिरा रसोई में फर्जी भुगतान की शिकायत का मामला उनके सामने भी आया था. उन्होंने इस मामले को लेकर पत्र लिखकर जांच की मांग की है.