बाड़मेर में डॉक्टर के साथ SDM की अभद्रता पर राजस्थान में बवाल, विधानसभा में उठा मुद्दा; डॉक्टरों ने ठप किया काम

बाड़मेर में डॉक्टर के साथ एसडीएम की बदसलूकी का मुद्दा सोमवार को विधानसभा में उठा. चोमू विधायक ने कहा कि किसी भी अधिकारी को कोई हक नहीं बनता कि वह किसी सरकारी कार्मिक के साथ अभद्रता करें.

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डॉक्टर के साथ SDM की अभद्रता का मुद्दा विधानसभा में उठा

Rajasthan Politics: राजस्थान के बाड़मेर में डॉक्टर के साथ एसडीएम की अभद्रता का मुद्दा गरमाता ही जा रहा है. डॉक्टर के साथ बदसलूकी का मुद्दा सोमवार को विधानसभा में भी उठा. चोमू से विधायक डॉ शिखा मील ने विधानसभा में कहा कि बाड़मेर में एसडीएम द्वारा एक डॉक्टर के साथ के लिए अभद्रता निंदनीय है. किसी भी अधिकारी को कोई हक नहीं बनता कि वह किसी सरकारी कार्मिक के साथ अभद्रता करें. वहीं, सीकर में डॉक्टर के साथ हुए बदसलूकी को लेकर डॉक्टरों ने 2 घंटे कार्य बहिष्कार करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की.

सेड़वा सीएचसी के डॉक्टर के साथ अभद्रता

ध्यान देने वाली बात है कि बाड़मेर में सेड़वा उपखंड अधिकारी बद्रीनारायण बिश्नोई का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह सेड़वा सीएचसी के निरीक्षण के दौरान एक डॉक्टर के साथ अभद्रता करते नजर आए थे. उन्होंने ओपीडी में मरीज देख रहे डॉक्टर रामस्वरूप रावत को जाकर बुलाया. इस महिला का तुरंत इलाज करो. इस पर डॉक्टर ने कहा कि मैंने इसे अभी देखा है. इस पर एसडीएम साहब भड़क गए और बोले इधर आ, क्या नाम है तुम्हारा. अभी में एक मिनट के अंदर पुलिस के हवाले कर दूंगा. 

डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के बाद SDM ने मांगी माफी

एसडीएम की डॉक्टर के साथ अभद्रता का मामला जब गरमाया और डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी तो एसडीएम ने वीडियो जारी करके माफी मांगी. हालांकि, मामला अभी शांत नहीं हुआ. सोमवार को सीकर जिले के डॉक्टरों में भी आक्रोश दिखा. सुबह 2 घंटे का कार्य बहिष्कार कर डॉक्टरों ने मामले में उचित कार्रवाई की मांग की. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सीकर की ओर से शाम को जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर उपखंड अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठाई गई. 

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चोमू विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा

वहीं, राजस्थान विधानसभा में चोमू विधायक डॉ. शिखा मील ने मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बाड़मेर में एसडीएम द्वारा एक डॉक्टर के साथ के लिए अभद्रता निंदनीय है. किसी भी अधिकारी को कोई हक नहीं बनता कि वह किसी सरकारी कार्मिक के साथ अभद्रता करें. कोई भी SDM अधिकारी या तहसीलदार दिन में 200- 250 परिवादीयों को नहीं सुनता. एक डॉक्टर दिन में सैकड़ों मरीज देखता हैं. 

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