Rajasthan News: अपर जिला एंव सेशन न्यायालय-द्वितीय बाड़मेर के न्यायाधीश पीयूष चौधरी ने 2009 में दर्ज महिला द्वारा राजकीय अस्पताल से किए गए नसबंदी के ऑपरेशन फेल होने पर बड़ा आदेश दिया है. महिला द्वारा गर्भवती होने के मामले में दर्ज परिवाद के 2016 में दिए फैसले में परिवादी को मुआवजा नहीं देने पर बाड़मेर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) के वाहन को कुर्क करने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद CMHO के वाहन को कुर्क न्यायालय लाया गया हैं.
क्या हैं पूरा मामला
परिवादिया दरअसल साल 2003 में भाड़खा निवासी पप्पू देवी पत्नी बांकाराम ने प्राथमिक स्वास्थ केंद्र भाड़खा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से नसबंदी ऑपरेशन करवाया था. नसबंदी से पूर्व परिवादिया के 3 संताने थी और नसबंदी के बाद परिवादिया फिर गर्भवती हो गई. देश में गर्भपात कानूनन अपराध होने और गर्भपात से होने वाले स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए उसे अनचाहे गर्भ से शिशु को जन्म देने पर मजबूर होना पड़ा. जिसके चलते परिवादिया और उसके परिवार पर आर्थिक भर बढ़ गया. जिसके भविष्य में उसे आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और उसके परिवार के इस अतिरिक्त संतान के भरण पोषण हेतु आर्थिक संसाधन उपलब्ध नहीं हैं.
2016 में क्षतिपूर्ति देने के आदेश
2009 से कोर्ट में दर्ज इस परिवाद पर लगातार सुनवाई के बाद अपर जिला सेशन न्यायालय 1 बाड़मेर ने साल 2016 में परिवादिया के पक्ष में फैसला देते हुए बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग को दोषी माना. साथ ही परिवार को 2 लाख रुपये क्षतिपूर्ति और 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज देने के आदेश जारी किए थे. लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर द्वारा कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं की गई. जिसके बाद 21 अगस्त को न्यायालय द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के वाहन को कुर्क किया गया. इस वाहन की अनुमानित कीमत 4 लाख रुपए आंकी गई है जो परिवादिया को दिए जाने हैं.
न्यायालय की फैसले को लेकर परिवादिया की और से पैरवी कर रहे अभिवक्ता मुस्कान सराफ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस परिवार को 16 साल बीत गए हैं. इन 16 साल में पीड़ित को बड़ा आर्थिक नुकसान और मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी. लेकिन न्यायालय पर भरोसा था आज खुशी है कि जो फैसला न्यायालय ने किया है वह परिवादिया को राहत देगा और और ऐसे सरकारी अधिकारियों के लिए भी यह फैसला नजीर बनेगा. किसी भी पीड़ित को उसका मुआवजा जल्द दिया जाना चाहिए.
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