राजस्थान के इस बैंक के 9000 खातों को किया गया फ्रीज, भ्रष्टाचार का खेल शुरू होने पर दिये गए जांच के आदेश

बैंक प्रबंधन के संज्ञान में जब पैसे आने की बात आई तो उसने इन 9000 खातों को फ्रीज कर दिया. लेकिन इसके बाद शुरु हुआ भ्रष्टाचार का खेल.

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Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना स्थित बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के लगभग 9000 खातों में 34-34 हजार की राशि भेजी गई थी. हालांकि यह सरकारी राशि बताया जा रहा, लेकिन यह कहा जा रहा है कि खातों में पैसे गलती से आए हैं. जब बैंक प्रबंधन के संज्ञान में यह बात आई तो उसने इन 9000 खातों को फ्रीज कर दिया. लेकिन इसके बाद शुरु हुआ भ्रष्टाचार का खेल. बैंक प्रबंधन द्वारा फ्रीज कर दिए जाने के बाद बैंक बीसी (बैंक बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट) के माध्यम से ₹8000 प्रति खाता रिश्वत लेकर उन्हें चालू करके खाता धारकों को पैसे निकाल कर दिए जाने का मामला सामने आया. इस खबर के NDTV राजस्थान पर प्रसारित होने के बाद जिला प्रशासन अब हरकत में आ गया है.

इस मामले में जिला कलेक्टर ने अब जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके साथ ही टोंक, जयपुर, अलवर और नागौर सहित 7 जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर मामले में जानकारी मांगी है. जहां से इन खातों में पैसा आया था.

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अलग-अलग जिलों से कैसे आए इतनी तादाद में पैसे

जिला कलेक्टर ने बताया कि इस मामले में बैंक द्वारा जिस तरह से खाता बंद करने और 8000 रुपए लेकर वापस खाते चालू करने की बात सामने आ रही है. जिसको लेकर जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात है इन खातों में पैसा आना. यह भी जांच का विषय है कि आखिर इन खातों में राजस्थान के साथ अलग-अलग जिलों से इतनी बड़ी तादाद में पैसा कैसे और क्यों आया?

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2 अप्रैल को ही फ्रीज हुए हैं खाते

झालावाड़ जिले के मनोहर थाना कस्बा स्थित बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के हजारों खातों में 34-34 हजार रुपए 28 और 29 मार्च 2024 को जमा हुए थे. जिनका गलती से खातों में आया जाना माना जा रहा है. लेकिन जैसे ही यह पैसे खातों में जमा हुए तो बैंक प्रबंधन द्वारा 2 अप्रैल को खाते फ्रीज कर दिए गए. उसके बाद जब बैंक के खाताधारकों को पैसे आने का मैसेज मिला तो वह बैंक पहुंचने लगे. जहां से बैंक मैनेजर अश्वनी नायक द्वारा उनको बैंक के बाहर बैठने वाले बैंक बीसी नंदराम के पास भिजवा दिया गया. 

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बैंक बीसी नंदराम ने सभी लोगों से कहा कि तुम लोगों के खाते बंद हैं. अगर ₹8000 प्रति खाता मुझे दे दो मैं तुम्हारे खाते चालू करवा कर उसमें जमा पैसे निकलवा कर दे दूंगा.

उसके बाद से 15 मई 2024 तक बैंक और बैंक बीसी के माध्यम से भ्रष्टाचार का यह खेल चलता रहा. लगभग ढाई हजार खातों को पुनः रिश्वत की राशि लेकर चालू कर दिया गया. 15 मई को टोंक जिला कलेक्टर का पत्र बैंक को मिला जिसमें उसने गलती से पैसा ट्रांसफर हो जाने की बात लिखी थी. उसे पत्र के मिलने के बाद बैंक प्रबंधन सकते में आ गया.

लीड बैंक मैनेजर ने लिया संज्ञान

लीड बैंक मैनेजर आशुतोष कुमार ने बताया कि बैंक प्रबंधन के विरुद्ध जो शिकायत मिली है. उसकी जांच की जा रही है तथा पैसा कहां से आया इसको लेकर भी जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बैंक के प्रबंधन के विरुद्ध बैंक की टीम भी जांच कर रही है तथा प्रशासनिक जांच भी करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि मामले में जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकेगा.

कड़ी कार्रवाई की मांग

बैंक बीसी और बैंक मैनेजर के विरुद्ध जनसुनवाई में जिला कलेक्टर को शिकायत करने वाले लोगों ने पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है. लोगों का कहना है कि लंबे समय से इसी तरीके से गरीबों का पैसा हड़पने का खेल चल रहा है इसके दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए अन्यथा वह आंदोलन करेंगे.

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