पुतिन के दौरे से पहले बेनीवाल ने उठाया धोखे से भारतीयों को यूक्रेन युद्ध में भेजने का मुद्दा, बोले- राजस्थान के भी 5 युवा

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन भारत आ रहे हैं और ऐसे में प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को कूटनीतिक स्तर पर उनके साथ चर्चा करनी चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अपनी बात रखते हुए हनुमान बेनीवाल
Sansad TV

राजस्थान की नागौर सीट से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने रूस में फंसे भारतीय युवाओं का मुद्दे पर चिंता जताई है. आरएलपी अध्यक्ष बेनीवाल ने मंगलवार, 3 दिसंबर को लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया. रूस में पढ़ाई या काम के लिए गए भारतीय युवाओं को जबरन युद्धक्षेत्र में भेजे जाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में इस मामले को ऐसे समय उठाया है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक दिन बाद भारत आ रहे हैं. पुतिन 23वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आ रहे हैं. पुतिन दो दिन के दौरे पर 4 दिसंबर की शाम दिल्ली पहुंचेंगे. अपने दौरे में उनकी प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात होगी.

बेनीवाल ने शून्यकाल में उठाया मुद्दा

हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कहा कि रूस में भारत के 61 युवा फंसे हुए हैं. इनमें राजस्थान के भी 5 युवक शामिल हैं. बेनीवाल ने कहा कि वह सदन के माध्यम से विदेश मंत्री का ध्यान एक अत्यंत गंभीर, मानवीय और संवेदनशील विषय की तरफ आकर्षित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा,"राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों के नागरिक स्टडी वीजा और वर्क वीजा पर रूस गए थे. परंतु एजेंटों द्वारा उन्हें धोखे से युद्ध क्षेत्र में भेज दिया जिसकी जानकारी मुझे प्राप्त हुई और उनके परिजनों ने भी मुझसे मुलाकात की."

बेनीवाल ने कहा,"प्रभावित परिवारों से प्राप्त विवरणों के अनुसार राजस्थान के मनोज सिंह शेखावत, अजय कुमार, संदीप सूंडा, महावीर प्रसाद, करमचंद तथा अन्य राज्यों के कुल 61 युवक पिछले कई महीनों से रूस-यूक्रेन युद्ध में जबरन सैन्य गतिविधियों में लगाए गए हैं और 3 से 4 महीनों से उनका अपने परिवारों से कोई संपर्क नहीं हुआ है. इन परिवारों ने 3 नवंबर और 1 दिसंबर को दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर धरना देकर अपनी पीड़ा और चिंता सरकार तक पहुँचाई है."

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन भारत आ रहे हैं और ऐसे में प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को कूटनीतिक स्तर पर उनके साथ चर्चा करनी चाहिए ताकि इन भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके.

Advertisement

देखें Video:- 

राजस्थान के फंसे युवाओं ने मांगी है मदद

दो महीने पहले जयपुर के एक युवक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गुहार लगाई थी कि उसे किसी तरह वहां से बाहर निकाला जाए. उसने अपने परिवार को संदेश भेजकर बताया था कि उसे जबरन रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया है और अब बॉर्डर पर लड़ाई के लिए भेजा जा रहा है. उसने बताया कि रूस पहुंचने के बाद उसके सारे दस्तावेज वहां के एजेंटों ने अपने पास रख लिए.

Advertisement

इससे पहले बीकानेर के भी कुछ युवकों ने वीडियो कॉल के जरिए कहा था कि उन्हें बंकरों में रखा गया है जहां उन्हें पर्याप्त खाना नहीं मिलता और बार-बार गोलाबारी व ड्रोन हमलों का खतरा रहता है.

ये भी पढ़ें-: रूस में नौकरी और पढ़ाई करने गए राजस्थान के युवकों का जबरन सेना में भर्ती, सरकार से मदद की लगा रहे गुहार

Advertisement
Topics mentioned in this article