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रूस में नौकरी और पढ़ाई करने गए राजस्थान के युवकों का जबरन सेना में भर्ती, सरकार से मदद की लगा रहे गुहार

युवक ने अपने परिवार को संदेश भेजकर बताया है कि उसे जबरन रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया है और अब बॉर्डर पर लड़ाई के लिए भेजा जा रहा है.

रूस में नौकरी और पढ़ाई करने गए राजस्थान के युवकों का जबरन सेना में भर्ती, सरकार से मदद की लगा रहे गुहार
प्रतीकात्मक फोटो

Rajasthan News: वैसे तो राजस्थान में बड़ी संख्या में लोग पढ़ाई और नौकरी करने के लिए विदेश जाते हैं. रूस जैसे देशों में राजस्थान के लोग नौकरी और पढ़ाई करने जाते हैं. लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है. जहां रूस गए शख्स को जबरन सेना में भर्ती करने का मामला सामने आया है. बता दें रूस में नौकरी या अध्ययन के लिए गए राजस्थानी युवकों को जबरन सेना में भर्ती करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ताज़ा मामला जयपुर का है. जयपुर के एक युवक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि उसे किसी तरह वहां से बाहर निकाला जाए. 

युवक ने अपने परिवार को संदेश भेजकर बताया है कि उसे जबरन रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया है और अब बॉर्डर पर लड़ाई के लिए भेजा जा रहा है. युवक का कहना है कि रूस पहुंचने के बाद उसके सारे दस्तावेज वहां के एजेंटों ने अपने पास रख लिए हैं. उसके पास अब सिर्फ एक पहचान के तौर पर एक बैज है जिस पर नंबर लिखा हुआ है. 

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हरियाणा का भी युवक उसके साथ

युवक ने बताया कि उसके साथ ही हरियाणा का एक और युवक भी उसी ग्रुप में शामिल है उसे भी इसी तरह फंसाया गया है. परिजनों को भेजे गए ऑडियो संदेश में युवक की आवाज़ डरी और घबराई हुई सुनाई देती है. वह कहता है मुझे कैसे भी करके बचा लो और निकालो यहां से मैं बुरी तरह फंस चुका हूं.

अब इस परिवार ने केंद्र सरकार और दूतावास से अपील की है कि जल्द से जल्द दोनों युवकों को सुरक्षित वापस लाया जाए. बताया जा रहा है कि इसी तरह कई भारतीय युवाओं को नौकरी या अन्य लालच देकर रूस ले जाया गया है जहां उन्हें सीधे आर्मी में भर्ती करके युद्ध क्षेत्र में भेजा जा रहा है.

बीकानेर से भी आया था मामला

इससे पहले बीकानेर संभाग के मामले से कुछ युवकों ने वीडियो कॉल के जरिए कहा कि उन्हें बंकरों में रखा गया है, खाना पर्याप्त नहीं मिलता और बार-बार गोलाबारी व ड्रोन हमलों का खतरा रहता है. इन वीडियो संदेशों में कुछ ने बताया कि उनके पास पहचान के लिए केवल एक बैज या बैच नंबर बचा है. जबकि मूल पासपोर्ट और अन्य कागज़ एजेंटों के कब्जे में हैं. परिवारों ने केंद्र और भारतीय दूतावास से तुरंत मदद की मांग की है. राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा में भी कई मामले सामने आए हैं.

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