विधानसभा सत्र से पहले वासुदेव देवनानी ने सर्वदलीय बैठक में कहा- 'कृपया कर कोई सदस्य तख्ती-प्लेकार्ड न लाएं'

विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 18 जनवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. जिसमें वासुदेव देवनानी ने विधानसभा के सदस्यों को कुछ अहम जानकारी दी.

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वासुदेव देवनानी ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की

Rajasthan Assembly Session: राजस्थान में भजन लाल सरकार के गठन के बाद विधानसभा का पहला सत्र 19 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 18 जनवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. जिसमें वासुदेव देवनानी ने विधानसभा के सदस्यों को कुछ अहम जानकारी दी. इसके साथ ही सदस्यों से अपील की सभी सदस्य अगर मर्यादापूर्ण व्यवहार करे तो सत्र को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सदन में सार्थक चर्चा हो इसके लिए प्रयाय किया जाएगा और सभी सदस्यों को बोलने का मौका दिया जाएगा. सोलहवीं राजस्थान विधान सभा के प्रथम सत्र अधिक से अधिक दिन चले इसके लिए सभी दलों के सभी सदस्यों को सकारात्मक सोच रखनी होगी. उन्होंने कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी विधान सभा के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों की है. 

सदन में तख्तियां या प्लेकार्ड कोई भी सदस्य न लाएं

विधानसभा अध्यक्ष ने आग्रह किया कि राज्यपाल के अभिभाषण को सभी सदस्यों को शान्तिपूर्वक सनेंगे. राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है. सदन में राज्यपाल का पूरा सम्मान होना चाहिए. इसके लिए राज्यपाल अभिभाषण के समय शांति रखे व अभिभाषण को धैर्य पूर्वक सुने. सदन में तख्तियां या प्लेकार्ड कोई भी नहीं लावें. विधान सभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि सभी दलों को चर्चा के लिए नियमानुसार समय आवंटित किया जायेगा. समय सीमा में ही सदस्य अधिक से अधिक अपनी बात रखें. उन्होंने कहा कि यह दल के नेता कि जिम्मेदारी होगी कि उनके दल का सदस्य सदन में अपनी बात को आवंटित समय में ही रखने का प्रयास करे. 

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जनहित के मुद्दों पर बहस के लिए सदन देर तक भी चलेगा

देवनानी ने कहा कि यह सदन जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने का पवित्र स्थल है. इस स्थल की गरिमा को बनाऐं रखना हम सभी की जिम्मेदारी है. जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी. इसके लिए यदि सदन को देर तक चलाने की आवश्यकता होगी तो सदन को देर तक चलाया जायेगा. उन्होनें कहा कि समस्याओं का हल बातचीत से होता है. सदन में समस्याओं के निस्तारण का प्रयास होगा. यहां पर सदस्यों की बातों को गम्भीरता से लिया जायेगा. उनके द्वारा उठाई गई समस्याओं का निस्तारण भी कराया जायेगा. 

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प्रश्नों के जवाब समय सीमा में प्रस्तुत करायें जाऐंगे

देवनानी ने प्रश्नों के उत्तर नहीं आने पर चिंता जताते हुए कहा कि अब समय पर प्रश्नों के जवाब मंगाये जायेंगे. इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी. सदन में समितियों की रिपोर्ट समय पर मंगायी जायेगी और उन पर आवश्यक रूप से चर्चा भी कराई जायेगी. उन्होंने कहा कि सदन का प्रश्न और शून्यकाल महत्वपूर्ण होता है. इन दोनों समय में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं होना चाहिए इसके लिए सभी दलों को सोचना होगा. विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में स्थगन के साथ पूर्व की भांति पर्ची के माध्यम से अविलम्बकनीय लोक महत्व के उठाये जाने विषयों की व्यतवस्थास को पुनः लागू किया जायेगा. पर्ची से उठाये जाने वाले विषयों पर जवाब भी दिलाया जायेगा. 

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नेता प्रतिपक्ष ने भी होंगे सदन के प्रति जिम्मेदार

कांग्रेस के टीकाराम जूली ने कहा कि सदन में रखी गयी बातों को सरकार गंभीरता से ले और प्रश्नों के जवाब अगले सत्र से पहले आवश्यक रूप से प्रस्तुत करायें. उन्होनें कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी पक्ष के साथ प्रतिपक्ष की भी है. उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रतिपक्ष के सदस्य सदन में मर्यादापूर्ण व्यवहार से अपनी बात रखेंगे.

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राजस्थान विधान सभा में अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की यह नवीन और ऐतिहासिक पहल है. सदन संचालन में इसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे. उन्होनें बैठक में उपस्थित होने वाले पक्ष व प्रतिपक्ष के नेतागण का आभार ज्ञापित किया. 

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