Mining Department of Rajasthan: राजस्थान में माइंस संबंधित लंबित प्रकरण पर सरकार गंभीर नजर आ रही है. इस संबंध में बकाया न्यायिक प्रकरणों में बकाया राशि वसूल करने की कवायद तेज कर दी है. इन मामलों के परीक्षण के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है. जो न्यायालय के समक्ष विभागीय पक्ष को प्रभावी तरीके से रखेगी. माइंस एवं पेट्रोलियम प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि माइंस विभाग से संबंधित 10 करोड़ रुपए से अधिक के बकाया राशि के न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों में प्रभावी तरीके से पक्ष रखा जाएगा. इन प्रकरणों के गुणावगुण के आधार पर अध्ययन कर समीक्षा करने के लिए माइंस मुख्यालय के अतिरिक्त निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है.
कमेटी में इन अधिकारियों को किया गया शामिल
राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी में वित्तीय सलाहकार माइंस विभाग, संयुक्त विधि परामर्शी (उदयपुर और जयपुर) के साथ ही जयपुर, कोटा, उदयपुर और जोधपुर के अतिरिक्त निदेशक को सदस्य भी बनाया गया है. अनुमानित तौर पर 50 से अधिक विचाराधीन प्रकरणों में राशि बकाया चल रही है.
प्रभावी पैरवी के लिए सरकार को भेजी जाएगी रिपोर्ट
प्रमुख सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मामलों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट में प्रभावी पैरवी के लिए आवश्यक सुझाव देते हुए समिति की रिपोर्ट को राज्य सरकार को भेजा जाएगा.
स्टे हटवाने संबंधित कई मामलों में रखा जाएगा पक्ष
दरअसल, ऐसे प्रकरणों में स्टे संबंधित कई कानूनी अड़चनें हैं. इन प्रकरणों में स्टे हटवाने और अन्य प्रकरणों में सरकार का पक्ष रखा जाएगा. ताकि लंबित मामले निपटाए जा सके और सरकार को बकाया रेवेन्यू मिल सके. इस संबंध में अधिकारियों को भी स्पष्ट संदेश दे दिया गया है.
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