Rajasthan Panchayat and Municipal Elections: राजस्थान में पंचायत और नगर निकाय चुनाव का इंतजार काफी समय से किया जा रहा है. वहीं विपक्ष सरकार पर चुनाव टालने का लगातार आरोप लगा रही है. दूसरी ओर 18 अगस्त को राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार को जल्द से जल्द निकाय चुनाव करवाने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि परिसीमन के नाम पर सरकार निकाय चुनाव को अनिश्चितकाल के लिए टाल नहीं सकती है. जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने 19 अगस्त को बयान जारी कर कहा कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा 10 दिनों में कर दी जाएगी. राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने कहा कि पूरी चुनाव प्रक्रिया दो महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी. लेकिन राज्य सरकार के सुर चुनाव को लेकर अलग नजर आ रहे हैं. जिसके बाद अब चुनाव आयोग और राज्य सरकार निकाय चुनाव को लेकर आमने-सामने दिख रही है.
दरअसल, नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने साफ कहा है कि सरकार दिसंबर में सभी 309 शहरी निकायों के चुनाव एक साथ करवाएगी. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि अगर निर्वाचन आयोग जल्द ही चुनाव कार्यक्रम घोषित करता है तो सरकार इस पर विचार करेगी और जो जरूरी होगा वह कदम उठाएगी.
आयोग अपना काम करे सरकार अपना काम करेगी
झाबर सिंह खर्रा ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को अपना काम करना है और सरकार अपना काम करेगी. उन्होंने ने हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि अदालत ने छह महीने में चुनाव करवाने को कहा है. इस हिसाब से फरवरी तक का समय है. सरकार इससे पहले ही दिसंबर में चुनाव करवाएगी. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेशों की प्रमाणित प्रति मंगवाई जा रही है, उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया होगी.
सरकार का क्या है प्लान
मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने चुनाव के प्लान को लेकर बताते हुए कहा कि परिसीमन की अधिसूचना एक सप्ताह में जारी कर दी जाएगी. खरा ने कहा कि दिसंबर में वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत चुनाव करवाने में किसी तरह की कानूनी अड़चन नहीं है. मंत्री ने बताया कि अक्टूबर-नवंबर में लॉटरी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इसके बाद ओबीसी आयोग की रिपोर्ट सामने आएगी. चुनाव की विधिक बाधाएं दूर होते ही निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची तैयार करने के निर्देश दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने एक ही दिन में दो बयान आए थे तो आप समझ सकते हैं. पंचायती राज चुनाव के बारे उन्होंने कि इसके बारे में विभागीय मंत्री ही बता सकते हैं.
वन स्टेट वन इलेक्शन पर आयोग का इनकार
राज्य सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन की लगातार बात कर रही है. लेकिन आयोग ने साफ कहा है कि यह संभव नहीं है. आयोग के आयुक्त मधुकर गुप्ता ने कहा है कि जब तक संसद संविधान में संशोधन नहीं करती, स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव संभव नहीं हैं. उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यकाल को घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता.
बहरहाल, पंचायत और निकाय चुनाव पर अब आयोग और राज्य सरकार के अलग-अलग बयान से दोनों के बीच टकराव की स्थिति दिख रही है.
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