Rajasthan: कांग्रेस शासन काल में खोले गए 303 कॉलेजों के भविष्य पर संकट, सरकार ने समीक्षा के लिए बनाई कमेटी

इसमें यह भी देखा जाए‌गा कि नए कॉलेज खोलने के संबंध राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का पालन किया गया है या नहीं. इस कमेटी को रिपोर्ट देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है.

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राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा.

Rajasthan News: कांग्रेस शासन काल के दौरान राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसायटी (राजसेस) के तहत खोले गए 303 कॉलेजों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. प्रदेश की भजनलाल सरकार ने इन कॉलेजों में नामांकन और उपयोगिता सहित अन्य बिंदुओं को लेकर समीक्षा के आदेश जारी कर दिए हैं. कोटा की वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. कैलाश सोहनी को संयोजक बनाते हुए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. 

30 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

कमेटी में वित्त, विधि और उच्च शिक्षा से जुड़े अनुभवी विशेषज्ञ और शिक्षाविदों को शामिल किया गया है. इसमें यह भी देखा जाए‌गा कि नए कॉलेज खोलने के संबंध राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का पालन किया गया है या नहीं. इस कमेटी को रिपोर्ट देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है. इस पत्र में रिपोर्ट आने के बाद भविष्य में इन कॉलेजों के भविष्य को संवारने किसी भी कार्रवाई का उल्लेख नहीं है. माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद इन कॉलेजों के संचालन को लेकर निर्णय किया जा सकता है.

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कमेटी में कौन-कौन शामिल?

सदस्य सचिव: हर्ष सावन सुखा, संयुक्त शासन सचिव कॉलेज शिक्षा सदस्य: पुखराज सेन, आयुक्त कॉलेज शिक्षा, प्रो. बी.एल.चौधरी पूर्व अध्यक्ष माशि बोर्ड, अजमेर, प्रो. अखिल रंजन एमबीएम विवि जोधपुर, लखपत मीणा वित्तीय सलाहकार आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा, प्रो. शोभाराम शर्मा संयुक्त निदेशक विधि आयुक्त कॉलेज शिक्षा, प्रो. मुकेश कुमार शर्मा उच्च् शिक्षा विभाग जयपुर को शामिल किया गया है. राजसेस के तहत बांसवाड़ा जिले में छोटी सरवन, गांगड़तलाई, आनंदपुरी, कन्या कॉलेज कुशलगढ़, गढ़ी में कॉलेज संचालित है. इनमें प्रति कॉलेज 160 सीटें हैं और वर्तमान में सिर्फ कला संकाय का संचालन किया जा रहा है. इनमें स्थाई व्याख्यात नहीं हैं. पूर्व में संचालित बड़े महाविद्यालयों के प्राचार्य को नोडल के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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शुरू हुई समीक्षा कार्यवाही

संयोजक जांच कमेटी एवं कुलपति, महावीर महावीर खुला विवि, कोटा के प्रो. कैलाश सोडानी ने बताया कि राजसेस कॉलेजों के नामांकन व आवश्यकता की समीक्षा की जिम्मेदारी मिली है. कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक में आवश्यक विषयों पर चर्चा कर छात्रहित को केन्द्र में रखते हुए रिपोर्ट तैयार करेंगे. इसके लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है.

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