खाद्य सुरक्षा योजना में 10 लाख नए परिवारों को जोड़ेगी भजनलाल सरकार, जानिए किसे मिलेगा लाभ और कौन होंगे दायरे से बाहर

Rajasthan: प्रदेश में करीब 10 लाख आवेदन पहले से लंबित पड़े हैं. इसके अलावा 50 लाख से ज्यादा परिवारों ने अभी ई-केवाईसी भी नहीं करवाई है. ऐसे में पोर्टल खुलने से इन लाखों परिवारों को राहत मिलने वाली है. 

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Food Security Scheme: भजनलाल सरकार राजस्थान में लाखों वंचित परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ने जा रही है. इस संबंध में बीते सप्ताह कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि राजस्थान में बंद पड़े खाद्य सुरक्षा योजना के पोर्टल को स्टार्ट करने का निर्णय लिया है. इसी महीने संभावित विधानसभा सत्र (Assembly Session) से पहले ही फैसले पर मुहर लग जाएगी. चूंकि प्रदेश में करीब 10 लाख आवेदन पहले से लंबित पड़े हैं. इसके अलावा 50 लाख से ज्यादा परिवारों ने अभी ई-केवाईसी भी नहीं करवाई है. ऐसे में पोर्टल दोबारा खुलने से इन लाखों परिवारों को राहत मिलने वाली है. 

वहीं, जिन लोगों ने पहले से ही आवेदन कर रखे हैं, उन्हें दोबारा आवेदन की जरूरत नहीं होगी. सरकार उन्हें लंबित मानते हुए उनकी पात्रता जांचकर योजना के तहत कार्यवाही करेगी. इसके साथ ही जिन 50 लाख लोगों ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है. फिलहाल इन्हें योजना से हटाया नहीं गया है, लेकिन इनका खाता सस्पेंड कर दिया गया है. इन परिवारों के पास 31 मार्च तक ई-केवाईसी करवाने का समय रहेगा. 

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इन परिवारों को मिलेगा योजना का लाभ

  • अंत्योदय परिवार, बीपीएल और अन्नपूर्णा योजना के लाभार्थी परिवार. 
  • विधवा, वृद्धजन, विशेष योग्यजन, एकल नारी की सभी पेंशन योजनाओं से जुड़े लोग
  • सीमांत-भूमिहीन किसान के अलावा एड्स, सिलिकोसिस, कुष्ठ रोग से पीड़ित, ट्रांसजेंडर और निसंतान वृद्ध दंपत्ति
  • डायन प्रथा से पीड़ित महिलाएं, एससी-एसटी एक्ट के पीड़ित परिवार

योजना के तहत 4.46 करोड़ लोगों का है अधिकतम कोटा 

जनसंख्या के तय अनुपात के हिसाब से राजस्थान में 4 करोड़ 46 लाख लोगों के ही नाम जोड़े जा सकते हैं. फिलहाल राजस्थान में 4 करोड़ 36 लाख लोगों को योजना का लाभ मिल रहा है. यानी प्रदेश सरकार अभी भी 10 लाख और लोगों को योजना में जोड़ सकती है.  

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आगामी 31 जनवरी तक गिवअप अभियान भी जारी रहेगा, जिसमें हर दिन औसतन 25 से 30 हजार लोग इस योजना को अपनी इच्छानुसार छोड़ रहे हैं. विभाग के मुताबिक, पिछले साल नवंबर महीने तक यह संख्या 7 लाख से ज्यादा हो गई थी. उम्मीद है कि गिवअप अभियान में मिल रहे लोगों के सहयोग से 4-5 लाख लोगों के लिए और स्पेस मिल सकेगा.

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