भरतपुर में डॉक्टरों की लापरवाही से 4 साल के बच्चे की मौत, आवाज उठाने वाले के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज

ग्रामीणों ने बताया कि मुकदमा दर्ज करने की वजह है कि 4 वर्षीय बालक की मौत को लेकर गांव के आशीष पटेल ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई थी.

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भरतपुर में डॉक्टरों की लापरवाही से 4 साल के बच्चे की मौत

Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर में ग्रामीणों ने डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 04 वर्षीय बच्चे की मौत का आरोप लगाया है. साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण आईजी और कलेक्टर से मुलाकात करके डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं, डॉक्टरों की लापरवाही की आवाज उठाने वाले शख्स पर दर्ज झूठे मुकदमे को लेकर भी आला अफसरों से बीतचीत की. पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. 

डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

दरअसल, नदबई थाना क्षेत्र के झारकई गांव के एक व्यक्ति के खिलाफ नदबई अस्पताल के डॉक्टरों और अन्य स्टाफ के द्वारा दर्ज कराए गए मामले को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण आईजी, कलेक्टर और एसपी के कार्यालय पहुंचे. ग्रामीणों ने इस दौरान अधिकारियों को बताया कि नदबई के झारकई गांव में 21 अगस्त को 4 वर्षीय तेजस जाटव की मौत के बाद ग्रामीणों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया था.

ग्रामीणों का दावा है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण तेजस की मौत हुई और उन्होंने इसकी मौत को मजाक बना दिया. इस घटना के बाद ग्रामीण अस्पताल पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने मांग की कि मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जाए और परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए.

राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप

गांव के आशीष पटेल के नेतृत्व में धरना चल रहा था. जिस पर आशीष के खिलाफ डॉक्टरों ने राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाने और एससी एक्ट में मामला दर्ज कराया गया. इसके बाद 27 अगस्त को गांव के ही हरिओम सक्सैना सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया. इस पर ग्रामीण अस्पताल पहुंचे.

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हालांकि, ग्रामीणों के पहुंचने से पहले घायल व्यक्ति को नदबई अस्पताल से भरतपुर आरबीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया. ग्रामीणों का आरोप है कि डॉक्टर भागचंद मीणा और अन्य स्टाफ ने गांव के व्यक्ति आशीष पटेल के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया है. झूठा मुकदमा दर्ज करने की वजह है कि 4 वर्षीय बालक की मौत को लेकर गांव के आशीष पटेल ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई थी.

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