भरतपुर-धौलपुर जाट समाज ने दी फिर चेतावनी, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद होगा...

भरतपुर-धौलपुर जाट समाज द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर 17 जनवरी से धरना शुरू कर रहे हैं. अब तक सरकार की ओर से जवाब नहीं आने पर उन्होंने फिर चेतावनी दी है.

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राजस्थान में जाट आरक्षण आंदोलन 17 जनवरी से शुरू.

Rajasthan Jat Reservation: राजस्थान के भरतपुर-धौलपुर जाट समाज ने एक बार फिर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. केंद्र सरकार द्वारा छिने गए जाट ओबीसी आरक्षण (Jat OBC Reservation) को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर जाट समाज ने 17 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया था. जिसमें कहा गया था कि अगर 17 जनवरी तक सरकार बात नहीं मानी तो आंदोलन शुरू होगा. अब इस आंदोलन को 17 जनवरी से शुरू किया जा रहा है. लेकिन अभी शांति प्रिय तरीके से महापड़ाव शुरू किया जाएगा.

भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने 16 जनवरी को डीएम और एसपी से वार्ता की. वहीं, इस दौरान जिला प्रशासन ने इस महापड़ाव को स्थगित करने की अपील की. हालांकि संघर्ष समिति ने इसे नहीं माना है. अब 17 जनवरी से उच्चैन थाना क्षेत्र के जयचोली स्टेशन के पास महापड़ाव शुरू किया जाएगा. पहले ये महापड़ाव गांधीवादी तरीके से किया जाएगा.

जाट समाज ने फिर दी चेतावनी

भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने कहा है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है. इस वजह से वह उस दिन तक शांति प्रिय तरीके से आंदोलन करेंगे. लेकिन अगर सरकार नहीं मानती है तो फिर 22 जनवरी के बाद से दूसरे तरीके से हम अपना आंदोलन शुरू करेंगे. बता दें, जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने पहले ही जयचौली स्थित भरतपुर-मुंबई रेल लाइन को बंद करने की चेतावनी दी है. 

महापड़ाव के लिए पूरी व्यवस्था की गई है

भरतपुर-धौलपुर जाटों ने ओबीसी आरक्षण मांग को लेकर महापड़ाव के लिए पूरी व्यवस्था की है. जिससे की उन्हें इस आंदोलन को करने में परेशानी न उठानी पड़े. इसके लिए भोजन और पानी की भी व्यवस्था की गई है. कई गांव इस महापड़ाव में शामिल होंगे. 7 जनवरी को ही सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था. वहीं सरकार की ओर से किसी तरह की बातचीत पहल नहीं होने के बाद आंदोलन की जोर शोर से तैयारी शुरू कर दी गई थी.

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राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज का ओबीसी आरक्षण (Jat OBC Reservation) को 10 साल पहले केंद्र में आयी बीजेपी सरकार ने समाप्त कर दिया था. हालांकि, साल 2017 में जब राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार ने जाटों को ओबीसी आरक्षण दिया था तो लगा था कि केंद्र भी अब इसके सहाने आरक्षण को लागू कर दिया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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