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This Article is From Jan 16, 2024

टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाने पर क्या फिर होगी गहलोत-पायलट गुट में तकरार! जानें वजह

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में टीकाराम जूली को चूना गया है. लेकिन इसके बाद गहलोत और पायलट गुट में तकरार बढ़ने की संभावना जताया जा रहा है.

टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाने पर क्या फिर होगी गहलोत-पायलट गुट में तकरार! जानें वजह
टीकाराम जूली के नेता प्रतिपक्ष बनने से फिर हो सकता है घमासान.

Tika Ram Jully: राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चुनाव में कांग्रेस ने काफी समय लिया. हालांकि जैसा की कांग्रेस ने कहा था कि राजस्थान विधानसभा सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष का ऐलान कर दिया जाएगा. तो 19 जनवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से तीन दिन पहले 16 जनवरी को कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में टीकाराम जूली की नाम पर मुहर लगा दी है. टीकाराम जूली का नाम नेता प्रतिपक्ष की रेस में सबसे आगे चल रहा था. आखिरकार उन्हें नई जिम्मेदारी मिल गई है.

राजस्थान में कांग्रेस विधानसभा चुनाव हारने के बाद से कांग्रेस अब आगे की रणनीति तैयार कर रही है. वहीं, इसके लिए कुछ कड़े फैसले भी लिये हैं. कांग्रेस ने सबसे पहले गहलोत और पायलट गुट की लड़ाई को खत्म करने की पहल की गई. हालांकि, टीकाराम जूली के नाम पर अब फिर से दोनों गुट आमने सामने हो सकते हैं.

अशोक गहलोत और सचिन पायलट को किया राजस्थान से दूर

अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई राजस्थान की सियासत में सभी को पता हैं. कांग्रेस के आलाकमान भी इस लड़ाई को सुलझाने में काफी समय दिया. हालांकि, कुछ सीधी बात नहीं बनी हैं. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह दोनों की लड़ाई को भी एक वजह माना जा रहा है. ऐसे में कांग्रेस ने बड़े फैसले लेते हुए. अशोक गहलोत और सचिन पायलट को राजस्थान से दूर कर दिया.

यानी अशोक गहलोत को इंडिया गठबंधन को लेकर जिम्मेदारी दे दी. तो वहीं सचिन पायलट को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ की कमान सौंपी है. ऐसे में दोनों को राजस्थान की राजनीति से दूर करने की कोशिश की गई है.

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सचिन पायलट गुट टीकाराम के नाम से हो सकती है नाखुश

आपको बता दें, टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष चुनने के बाद शायद सचिन पायलट और उनकी गुट नाखुश होगी. क्योंकि टीकाराम जूली को अशोक गहलोत खेमे के नेता और विधायक माना जाता है. अशोक गहलोत के कार्यकाल में टीकारा जूली कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हुए थे. ऐसे में पायलट गुट नाराज होगी. एक ओर जहां सचिन पायलट को राजस्थान से दूर किया गया. वहीं गहलोत गुट से नेता प्रतिपक्ष चुना गया. यह पायलट गुट में नाराजगी की बड़ी वजह बन सकती है.

हालांकि, आपको बता दें कांग्रेस ने टीकाराम जूली को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नेता प्रतिपक्ष चुना है. क्योंकि टीकाराम जूली एक दलित नेता हैं और राजस्थान की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक दलित नेता को नेता प्रतिपक्ष चुना गया है. माना जा रहा है कि कांग्रेस राजस्थान में 6 SC/ST लोकसभा सीट को साधने की तैयारी कर रही है.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष बनने वाले पहले दलित नेता, जानिए कौन हैं टीकाराम जूली

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