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Tika Ram Jully Profile: राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष बनने वाले पहले दलित नेता, जानिए कौन हैं टीकाराम जूली

Tikaram Jully: अलवर ग्रामीण के विधायक टीकाराम जूली को कांग्रेस ने राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष बनाया है. वो इस पद तक पहुंचने वाले राजस्थान के पहले दलित नेता हैं. आइए जानते हैं कौन हैं टीकाराम जूली.

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Tika Ram Jully Profile: राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष बनने वाले पहले दलित नेता, जानिए कौन हैं टीकाराम जूली
अलवर ग्रामीण के विधायक टीकाराम जूली, जिन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है कांग्रेस.

Who is Tikaram Jully: अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की विदाई के बाद राजस्थान की राजनीति नए बदलवों से गुजर रही है. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद भाजपा की नई सरकार अपना काम शुरू कर चुकी है. दूसरी ओर कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) के चयन के लिए जारी मंथन का दौर मंगलवार को समाप्त हो गया है. कांग्रेस ने टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया है. वो अलवर ग्रामीण सीट से विधायक है. साथ ही गोविंद सिंह डोटासरा को फिर से पीसीसी अध्यक्ष बनाया गया है. टीकाराम जूली राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष बनने वाले पहले दलित नेता हैं. आइए जानते हैं टीकाराम जूली का पूरा राजनीतिक जीवन. 

टीकाराम जूली इस समय राजस्थान विधानसभा में अलवर ग्रामीण विधायक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. 2023 के चुनाव में हुई कांग्रेस की करारी हार के बाद भी टीकाराम जूली को लोगों ने बड़े अंतर से जिताया है.


अलवर ग्रामीण से विधायक हैं टीकाराम जूली

43 वर्षीय टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण से विधायक हैं. वह पिछली गहलोत सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके हैं. टीकाराम जूली का जन्म अलवर के बहरोड़ के पास काठूवास गांव में हुआ था. पहले वह कांग्रेस के अलवर जिला प्रमुख भी रह चुके हैं. टीकाराम जूली श्रम विभाग (स्वतंत्र प्रभार), कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण, सहकारिता और इंदिरा गांधी नहर परियोजना राज्यमंत्री भी रहे हैं. कुछ समय पहले जूली विवादों में आ गए थे. उन पर एक आरओ वाटर सप्लाई करने वाली कंपनी के मालिक ने 30 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया था.

टीकाराम जूली को 2023 में एक लाख से अधिक वोट मिले

टीकाराम जूली अलवर जिले की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा अलवर ग्रामीण से विधायक हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में टीकाराम जूली को 55.56 फीसदी यानी कि 108,584 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के जयराम जाटव को 41.58 फीसदी यानी कि 81,251 वोट मिले थे. 2018 के चुनाव में भी टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण से विधायक बने थे. जिसके बाद गहलोत सरकार ने उन्हें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और जेल कैबिनेट का मंत्री बनाया था. 

2018 में भी टीकाराम जूली बने थे विधायक

बात 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की करें तो उस साल अलवर ग्रामीण सीट के कांग्रेस उम्मीदवार टीकाराम जुली को 85752 वोट देकर लोगों ने विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था. जबकि भाजपा उम्मीदवार मास्टर रामकिशन को 59275 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 26477 वोटों से चुनाव हार गए थे.

2013 के चुनाव में करना पड़ा था हार का सामना

हालांकि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार जयराम जाटव ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 60066 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार टीकाराम जुली को 33267 वोट मिल पाए थे, और वह 26799 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

2008 के चुनाव में भी जूली को मिली थी जीत

जबकि विधानसभा चुनाव 2008 में अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार टीकाराम जुली को कुल 35896 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी जगदीश प्रसाद दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 27371 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 8525 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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