
Tikaram Jully & Govind Dotasra in Udaipur: राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा और सदन में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली आज (4 जुलाई) उदयपुर पहुंचे. कांग्रेस आदिवासी बाहुल्य जिलों में 3 दिनों तक लगातार कार्यक्रम आयोजित करेगी. वागड़ में संविधान बचाओ रैली और कार्यकर्ता सम्मेलन होंगे. बीजेपी के साथ इस इलाके में भारत आदिवासी पार्टी भी कांग्रेस के लिए चुनौती है. टीकाराम जूली ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूरे राजस्थान में बूथ, मंडल और ब्लॉक को मजबूत करने का काम कर रही है. मेवाड़ में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए भी कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसमें डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की रीति-नीति गरीब, आदिवासी दलित उत्थान की रही. कांग्रेस की नीतियां जो बनी है वो यही रही कि पिछड़ा व्यक्ति आगे आए. संविधान की मूल भावना यही है. नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी पर भी हमला बोला.
नेता प्रतिपक्ष बोले- बीजेपी झूठे वादे कर रही
जूली ने कहा, "बीजेपी की नीति संविधान तोड़ने की रही है. बीजेपी की सरकार पंचायत चुनाव और नगर निकाय के चुनाव नहीं करा रही है, सिर्फ और सिर्फ झूठे वादे कर रही है. पूरे प्रदेश में बरसात अच्छी हो रही है, लेकिन सरकार की व्यवस्था नहीं थी. लोग बहकर जा रहे हैं, कोई रोकने वाला नहीं है. जो गरीब इलाके हैं, वहां पानी भर रहा है, शहरों में बरसात से पहले नाले साफ नहीं हुए, उसे कोई देखने वाला नहीं है."
सदन में सरकार सवालों से बचती है- जूली
उन्होंने बारिश से कई जगह पर बने बाढ़ के हालात के बीच प्रशासन की लापरवाही पर भी तंज कसा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि घर-घर नल की बात थी, अब सीधे जल पहुंच रहा है. सदन में सरकार सवालों से बचती है. इन्हें चाहिए कि कोई हमसे सवाल नहीं पूछे. नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "हमारे अध्यक्ष कहते हैं कि सरकार नहीं सर्किस चल रहा है. इन लोगों को सिर्फ टाइम पास करना है और राज के मजे लेने हैं. सरकारी सुविधाओं के मजे लेने हैं और मंत्री माल लूटने में लगे हुए हैं कोई काम नहीं हो रहा है. गरीब आदमी बेचारा दर-दर की ठोकरें खा रहा है."
एजेंसियों का दुरुपयोग आम बात हो गई- डोटासरा
डोटासरा ने कहा, "राजस्थान में वर्तमान सरकार बनने के बाद स्थिति हुई एजेंसियों का दुरुपयोग आम बात हो गई है. डेढ़ साल से स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून-व्यवस्था की हालत बुरी है. डबल इंजन की सरकार पर भी तंज कसते हुए कहा कि सभी वादें हवा-हवाई हो गए. नगर निकाय चुनाव के तो पिछले साल नवंबर महीने में ही करा देने चाहिए थे. 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' की नीति ही नहीं बनी है."
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