
Banswara Garhi BJP MLA Kailash Meena: बांसवाड़ा के गढ़ी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक कैलाश मीणा ने थानाधिकारी के खिलाफ जमकर बरसे. उन्होंने शनिवार (12 जुलाई) को थाने के बाहर कार्यकर्ताओं और पीड़ित पक्ष के साथ धरना भी दिया. कार्रवाई की मांग करते हुए विधायक ने डिप्टी एसपी के सामने हाथ जोड़ते हुए पैर भी छू लिए. विधायक का कहना है कि पुलिस जनता की नहीं, बल्कि दलालों की सुनती है. सीआई पर भूमाफियाओं से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए थाने के बाहर बैठ गए. उन्होंने कहा कि भूमाफिया और एजेंटों को थाने में बैठाया जाता है. जब इस मामले में जब एनडीटीवी ने थानाधिकारी से सम्पर्क करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
"खनन और भूमाफियाओं की दलाली कर रही है पुलिस"
विधायक कैलाश मीणा ने थानाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस खनन और भूमाफियाओं की दलाली कर रही है. विधायक ने बताया, "परतापुर कस्बे में एक पीड़ित की जमीन पर कब्जा और मोर गांव के एक अन्य भूमि विवाद मामले में पीड़ितों द्वारा थाने में रिपोर्ट दी गई थी. इसके बावजूद कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई." इसी बात से नाराज विधायक खुद पीड़ितों को साथ लेकर गढ़ी थाने पहुंचे और थानाधिकारी से न्याय की मांग की.

पुलिस पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप
विधायक कैलाश मीणा ने कहा कि गढ़ी थाना क्षेत्र में लगातार गरीब आदिवासियों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर अवैध वसूली और जमीनों के मामलों में जानबूझकर जांच में देरी की जा रही है. उन्होंने अपराधियों को संरक्षण देने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए. साथ ही कहा कि थाने का स्टाफ भी सवाल पूछने पर संतोषजनक जवाब नहीं देता.
धरने की सूचना मिलते ही गढ़ी डिप्टी सुदर्शन पालीवाल मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालने में जुट गए. डिप्टी एसपी ने विधायक द्वारा मांगी गई जानकारी भी उपलब्ध कराई और कार्रवाई का आश्वासन दिया गया.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कसा तंज

इन मामलों में कार्रवाई नहीं होने से थे नाराज
- हाल ही में अबापुरा थाना क्षेत्र में गेमन पूल के निकट गढ़ी के पूर्व मंडल अध्यक्ष की पोते और एक युवती का शव फंदे से लटका मिला था. परिजनों ने आत्महत्या के लिए उकसाने वाले को गिरफ्तार करने की मांग की थी, लेकिन मामले में सुनवाई नहीं हुई.
- एक मामला साल 2022 का मामला है. तात्कालिक पटवारी ने पीड़ित की दादी के नाम की जमीन धोखे से किसी के नाम कर दी और फिर दलालों ने उसे किसी अन्य को बेच दिया था. वृद्धा की मौत साल 2020 में हुई, जबकि जमीन 2022 में बेची गई. इस मामले में भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. बजाय इसके पीड़ित को ही थाने मे बैठा दिया गया था.
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