Bharatpur Moti Mahal controversy: भरतपुर के मोती महल परिसर में देर रात गेट तोड़ने का वीडियो सामने आने के बाद अनिरुद्ध सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस की. पूर्व राजपरिवार के सदस्य ने कहा कि मोती महल के गेट को तोड़ना बेहद शर्मनाक है, जहां मोती महल की ऐतिहासिक बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो सकती थी. रात में ड्यूटी पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड को भी चोट पहुंचाई जा सकती थी, यह दुर्भाग्यपूर्ण वारदात है. उन्होंने कहा कि इस वारदात के पीछे जो असामाजिक तत्व है, उनके नाम हमने पुलिस को भेज दिए हैं. इस वारदात के बाद महल की कोई भी प्रॉपर्टी सुरक्षित नहीं है, इसलिए हमने हर तरह के झंडे को हटा दिया है. सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे FSL टीम बुलाकर मौके से सबूत जुटाए.
पुलिस मामले की जांच में जुटी
कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लाइव दिखाते हुए मोती महल के पीछे के गेट सदर गेट को गाड़ी से तोड़ दिया और अंदर प्रवेश किया. उनके हाथ में रियासतकालीन झंडा था और उन्होंने वीडियो बनाई, लेकिन झंडा नहीं लगाया. अनिरुद्ध सिंह ने मथुरा गेट पुलिस थाने में असामाजिक तत्वों के खिलाफ शिकायत दी है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
जाटों ने 21 सितंबर को बुलाई थी पंचायत, फिर टली
रियासतकालीन झंडा लगाने के लिए जाट समाज द्वारा जगह-जगह पंचायत कर 21 सितंबर को मोती महल आने का निमंत्रण दिया था. मामले को बढ़ता देख जिला प्रशासन ने मोती महल पर तिरंगा झंडा लगा दिया. लेकिन विश्वेंद्र सिंह की अपील और प्रशासन द्वारा तिरंगा झंडा लगाने के बाद जाट समाज ने अपना फैसला बदल दिया. पुलिस प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के साथ मोती महल के आसपास पुलिस बल तैनात किया. दिनभर शांति रहने के बाद शाम को पुलिस बल को हटा दिया था.
रात को गेट तोड़ने का वीडियो आया सामने
इसके बाद देर रात शख्स ने मोती महल के सदर गेट को गाड़ी से तोड़ दिया और सोशल मीडिया पर वीडियो भी शेयर किया. सोशल मीडिया पर वीडियो लाइव करने के साथ ही मोती महल के सदर गेट को तोड़कर अदंर प्रवेश किया और रियासत कालीन झंडा हाथ में लेकर लहराया. गेट की आवाज सुन सुरक्षाकर्मी आए उन्हें देख शख्स वहां से भाग निकला.
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