
Bharatpur News: भरतपुर के मोती महल पर झंडा लगाने को लेकर विवाद गरमा गया है. देर रात शख्स ने मोती महल के सदर गेट को गाड़ी से तोड़ दिया और सोशल मीडिया पर वीडियो भी शेयर किया. इसी बीच भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अनिरुद्ध सिंह का सोशल मीडिया पोस्ट भी चर्चा में है. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि अब तो करणी सेना को बुलाना ही पड़ेगा. हालांकि इसे उन्होंने डिलीट भी कर दिया. लेकिन रात 10 बजे बाद किया गया पोस्ट चर्चा में हैं. एक यूजर ने उनसे पूछा भी कि आखिर यह पोस्ट क्यों डिलीट किया.
मोती महल के गेट को तोड़ने का वीडियो वायरल
कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लाइव दिखाते हुए मोती महल के पीछे के गेट सदर गेट को गाड़ी से तोड़ दिया और अंदर प्रवेश किया. उनके हाथ में रियासतकालीन झंडा था और उन्होंने वीडियो बनाई, लेकिन झंडा नहीं लगाया. सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया.

अनिरुद्ध सिंह का यह पोस्ट चर्चा में है.
विश्वेंद्र सिंह के ऐलान के बाद जाट समाज ने बदला फैसला
मोती महल पर जाट समाज ने 21 सितंबर को रियासतकालीन झंडा लगाने का ऐलान किया था, लेकिन विश्वेंद्र सिंह की अपील और प्रशासन द्वारा तिरंगा झंडा लगाने के बाद जाट समाज ने अपना फैसला बदल दिया. लेकिन फिर भी पुलिस प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के साथ मोती महल के आसपास पुलिस बल तैनात किया. दिनभर शांति रहने के बाद शाम को पुलिस बल को हटा दिया था.
पिता-पुत्र के बीच संपत्ति विवाद से शुरू हुआ मामला
दरअसल, यह पूरा मामला भरतपुर पूर्व राजपरिवार में संपत्ति विवाद से जुड़ा है. पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह के बीच का विवाद जारी है. अनिरुद्ध सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके पिता ने बंध बारैठा की कोठी को अवैध रूप से बेच दिया, जो राजपरिवार की पैतृक संपत्ति है. इसके जवाब में विश्वेंद्र सिंह ने कहा था कि कोठी उनकी निजी संपत्ति थी, जिसे बेचने के लिए वह अधिकृत थे. पत्नी दिव्या सिंह ने उस पैसे से दिल्ली में महंगा फ्लैट खरीदा था.
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