पुलिस की भूमिका समाज में शांति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होती है, समय-समय पर ट्रेनिंग द्वारा पुलिस को आम लोगों से व्यवहार करने के गुर भी सिखाए जाते हैं ताकि पुलिस पर उनका भरोसा बना रहे. लेकिन राजस्थान के भरतपुर जिले में पुलिस का संवेदनहीन चेहरा सामने आया. दरअसल एक 20 दिन से अपह्रत युवती की तलाश न कर पाने युवती के परिजन थाने पर धरने पर बैठ गए. पुलिसकर्मियों ने मदद की बजाय उनसे बदसलूकी की. धरने पर बैठे लड़की के पिता को हिरासत में ले लिया. साथ बैठे अन्य परिजनों को भगा दिया.
जानकारी के मुताबिक भरतपुर जिले के बयाना कस्बे में घर से अपने कॉलेज गई छात्रा के कथित अपहरण की वारदात को 20 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है. पीडित पिता का आरोप है कि बुधवार को जब वह नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की गुहार लगाने पुलिस कोतवाली पहुंचे तो कोतवाली में पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की और जबरन अंदर पकड ले गए. उन्होंने कहा पुलिस ने धमकाते हुए सादे कागजों पर हस्ताक्षर भी करवाए.
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बयाना कस्बा निवासी पीडित मोहनसिंह जाटव ने बताया कि उसकी पुत्री बयाना के एक गर्ल्स कॉलेज में पढती थी. जो गत 21 सितम्बर को छात्रवृत्ति का फार्म भरने कॉलेज गई थी, जिसके बाद वापस नही लौटी तो उन्होंने नामजद आरोपियों के विरुद्ध पुलिस में पुत्री के अपहरण की रिपोर्ट दी थी. किन्तु पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बजाए गुमशुदगी दर्ज कर टाल दिया. जिसके बाद उसने कोर्ट इस्तगासा के जरिए पुलिस कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी.
फिर भी पुलिस अभी तक उसकी बेटी का कोई सुराग नहीं लगा सकी है. जबकि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. पीड़ित पिता ने बताया कि पुलिस के सुनवाई नही करने पर जब बुधवार को उसने अपने परिवार के साथ थाने के सामने धरने पर बैठने का प्रयास किया तो पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी करते हुए उसे खींचकर अंदर ले गए और धमकाकर कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवाएं.
इधर पुलिस का कहना है कि चुनाव आचार संहिता लग गई है, पुलिस पर काफी वर्कलोड है ऐसे और भी कई मामले हैं, पुलिस अपना काम कर रही है. पुलिस ने कहा छात्रा के खोजबीन करने के प्रयास किए जाऐंगे. वहीं जब एनडीटीवी संवाददाता ने इस मामले को लेकर थाना प्रभारी से बातचीत की तो उन्होंने इस तरह के मामला नहीं होने की बात कही और कहा मैं क्राइम मीटिंग में हूं थाने पहुंच कर ही आपको कुछ जवाब दे पाऊंगा कहकर टालमटोल कर दिया.
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