भरतपुरः सफेद पत्थर के अवैध खनन की जांच को पहुंची NGT टीम, प्रदूषण से जा चुकी 500 से अधिक जान

बंसी पहाड़पुर सफेद पत्थर के लिए मशहूर है. लेकिन खनन के कारण हो रहे प्रदूषण से यहाँ लोग काफी परेशान है. आम जान की शिकायत पर एनजीटी भरतपुर की टीम मौके का निरीक्षण करने पहुंची.

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भरतपुर:

राजस्थान का भरतपुर जिला सफेद पत्थर के लिए मशहूर है. यहां का बंसी पहाड़पुर सफेद पत्थर के लिए बहुत प्रसिद्ध है. अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए यहीं से पत्थर गया है. लेकिन यहां अवैध रूप से चल रहा खनन लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. यहां के स्थानीय लोगों ने प्रदूषण की समस्या से परेशान होकर राजस्थान सरकार को लिखित में शिकायत दी है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई. यहां अवैध खनन के कारण हो रहे प्रदूषण से अभी तक 500 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. मामले की शिकायत सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद अब एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून) की टीम यहां का जायजा लेने पहुंची. 

अवैध खनन के कारण यहाँ के आम लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है

वहीं मजबूरन यहां के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. यही वजह है कि एनजीटी की टीम बंसी पहाड़पुर में प्रदूषण की जांच करने भरतपुर स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय पहुंची है. स्थानीय निवासी यादराम कुशवाहा ने बताया कि बंसी पहाड़पुर क्षेत्र में बड़ी तादाद में सफेद पत्थर की खान है और यहां केंद्र और राज्य सरकार ने 43 खदाने लीज पर दे रखी है. वही यह लीज स्थानीय लोगों के अलावा बाहर के लोगों की भी हैं.

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यहां अवैध रूप से भी खनन का कार्य किया जाता है. जिसके चलते प्रदूषण की समस्या अधिक बढ़ी है. इससे यहां के लोग सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित है. और करीब 500 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

बंसी पहाड़पुर सरपंच तेजपाल सिंह ने बताया कि लीज धारकों को ग्राम पंचायत से परमिशन लेनी पड़ती है लेकिन यह बिना परमिशन और नियम माने अंधाधुंध खनन कार्य करने में लगे हुए हैं. इससे पर्यावरण प्रदूषण को भी हानि हो रही है. सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित लोगो के लिए सरकार और लीज धारकों की ओर से किसी भी प्रकार के रोजगार की व्यवस्था नहीं की गई है.

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अवैध खनन में शामिल लोग

प्रदूषण की समस्या को लेकर यहाँ के निवासी केंद्र और राज्य सरकार को लिखित में शिकायत दे चुके हैं लेकिन बीते 1 साल तक कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन यहाँ की लोगों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

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इसी के चलते एनजीटी की टीम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय भरतपुर पहुंची है और चार सदस्य टीम बंसी पहाडपुर पहुंचकर प्रदूषण के बारे में जांच करने के साथ ही लीज धारकों और शिकायतकर्ताओं से वार्ता करेंगी. इसके बाद ही फाइनल रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को पेश करेगी.

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