Rajasthan: भरतपुर शहर में ई-रिक्शा की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, और इनके कारण जाम की स्थिति आम हो गई है. यातायात पुलिस की ओर से अब तक कोई ठोस ट्रैफिक प्लान नहीं बनाया गया है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. बाजार के तिराहों और चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होने के बावजूद ई-रिक्शा चालक सवारी देखते ही कहीं भी गाड़ी रोक देते हैं, और पुलिस मूक दर्शक बनी रहती है.
यातायात पुलिस नहीं देती ध्यान
स्थानीय निवासी जोगिंदर सिंह कपूर ने बताया कि ई-रिक्शा के कारण रोजाना बाजार में जाम लगता है, लेकिन यातायात पुलिस इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही. जहां भी सवारी दिखती है, वहीं ये ई-रिक्शा रोक दिए जाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं भी हो रही हैं. तुषार शर्मा ने कहा कि ई-रिक्शा चालकों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. इनके कारण बाजार में दो-दो घंटे तक जाम लग जाता है. आए दिन वाहनों की आपस में टक्कर हो जाती है, जिससे लोग घायल हो रहे हैं. कई ई-रिक्शा चालक नाबालिग भी हैं, लेकिन पुलिस ध्यान नहीं देती.
"बाजार में चलते हैं ई-रिक्शा"
जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही से ही बाजार में जाम लगता है. प्रशासन ने बाजार के बाहरी हिस्सों में जंजीरें लगाई हैं, लेकिन ई-रिक्शा फिर भी नहीं रुकते. बाजार में हजारों की संख्या में ई-रिक्शा चलते हैं. प्रशासन को चाहिए कि इनके लिए अलग रूट तय करे, ताकि जाम से राहत मिल सके.
"बाजार में नहीं है पार्किंग की व्यवस्था"
ई-रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारे ई-रिक्शा चालकों की वजह से जाम नहीं लगता. असल में आम लोग हमारे वाहनों को ओवरटेक करके निकलते हैं, जिससे जाम की स्थिति बनती है. न तो पुलिस की ओर से कोई प्लान है और न ही बाजार में पार्किंग की व्यवस्था है, जिस कारण हमें सड़क पर ही ई-रिक्शा खड़ा करना पड़ता है.
"शहर में हैं संकरी गलियां"
यातायात प्रभारी अजय सिंह ने बताया कि शहर में संकरी गलियां हैं, जिनकी वजह से ई-रिक्शा संचालन से जाम की स्थिति बनती है. हर तिराहे और चौराहे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. ई-रिक्शा चालकों को समझाइश दी जाती है और समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती है.
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