Bhilwara Bhatti Case: भीलवाड़ा भट्टी कांड में आया फैसला, दो सगे भाइयों को मिली फांसी की सजा

भीलवाड़ा कोर्ट की पोस्को कोर्ट 2 के जज अनिल गुप्ता ने दोनों अपराधी सगे भाई कालू और कान्हा कालबेलिया को फांसी की सजा सुनाई. 

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Bhilwara Bhatti Gangrape Case: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी भट्टी कांड के दरिंदों को आज उनके गुनाहों की सजा मिल गई है. जिले की पोस्को अदालत- 2 के जज अनिल गुप्ता ने इन दोनों सगे भाई कालू और कान्हा कालबेलिया को फांसी की सजा सुनाई है. बता दें कि, कोर्ट ने इस मामले को जघन्यतम अपराधों की श्रेणी में माना है. वहीं मामले में पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए 30 दिन के अंदर 473 पेजों की चार्जशीट को दाखिल किया था. जिसके बाद तकरीबन 10 महीनों के लंबे इतजार के बाद कोर्ट ने सोमवार यानी आज फैसला सुनाया है.

इससे पहले शनिवार को मामले पर सुनवाई करते हुए दोनों अपराधियों पर अपराध सिद्ध करते हुए जज अनिल गुप्ता ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. साथ ही अन्य नौ लोग जिन्होंने इस मामले में आरोपियों की मदद की थी उन्हें बरी कर दिया गया था.  

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Bhilwara Bhatti Case

नाबालिग को सर पर लाठी मारकर बेहोश किया था

पिछले साल 2 अगस्त को भीलवाड़ा के कोटड़ी के शाहपुरा इलाके में एक नाबालिग के साथ कालबेलिया जाति के दो लड़के कालू और कान्हा ने दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया था, उसके बाद बच्ची को उसके सर पर लाठी मारकर बेहोश किया था. पकड़े जाने के डर से उसे जिंदा कोयले की भट्टी में झोंक दिया था. उस समय माता -पिता के जरिए बच्ची को ढूंढने पर खेत में भट्टी से धुआं उठता हुआ दिखाई दिया था. जिसपर  किसी अनहोनी होने का आशंका में पास जाकर भट्टी में देखा तो सभी के होश उड़ गए थी. उसमें लड़की की कुछ हड्डियां और भट्टी के आस - पास लड़की के कपड़े, चप्पल और कड़े पाए गए थे. इसके बाद लड़की के पिता ने थाने में मामला दर्ज काराया था. 

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किशनावत के अनुसार, सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपियों को लगा कि नाबालिग मर गई है और उन्होंने उसे भट्ठी में फेंक दिया. फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब लड़की को भट्टी में फेंका गया तब वह जीवित थी क्योंकि उसकी मौत जलने के कारण हुई थी.

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पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने फैसले को बताया स्वागत योग्य

वहीं पोस्को अदालत 2 से फैसला आने के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने अदालत से दोषियों को मृत्युदंड की सजा के फैसले को स्वागत योग्य बताया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, केस ऑफिसर स्कीम के तहत इस केस को लिया था. उस समय मामले की जांच के लिए एडीजी क्राइम को घटनास्थल पर भेजा गया था. 10 महीने पहले उनकी सरकार ने इस घटना के आरोपियों पर कार्रवाई कर गिरफ्तारी की गई थी. तकरीब एक महीने में ही इस केस की चार्जशीट दायर कर दी गई थी. जिसके बाद सोमवार यानी आज  ही इन दोषियों को सजा सुनाई गई हैं.

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