भीलवाड़ा में बीमार मासूम बेटे को गर्म चिमटे से दागने के मामले में माता-पिता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. अंधविश्वास में मासूम के साथ मां के ऐसे कृत्य के चलते 9 महीने के बेटे की मौत हो गई थी. करीब 6 दिन पहले की इस घटना में सदर थाना क्षेत्र ने जांच शुरू की थी. प्रकरण इरास गांव का है, जहां रविवार (9 नवंबर) को 4 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जूझते हुए मासूम की मौत हो गई थी. पड़ताल में सामने आया था कि निमोनिया से तबीयत बिगड़ने पर परिजन अस्पताल ले जाने की जगह मासूम को भोपा के पास ले गए थे. इलाज के नाम पर अपने कलेजे के टुकड़े को परिजनों ने गर्म सलाख से दाग दिया. डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बची.
इस साल 90 से ज्यादा ऐसे मामले आ चुके हैं सामने
साल 2025 में अब तक 90 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जब मासूमों को गर्म सलाखों से दागा गया. मामला सामने आने के बाद बाल कल्याण समिति ने भी संज्ञान लिया था. समिति का कहना था कि महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय से बच्चों को इलाज के नाम पर गर्म सलाख से दागने की सूचना मिलने के बाद जांच करवा रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की थी कि इलाज के नाम पर बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं करें.
स्पेशल डॉक्टरों की टीम ने की बच्चे को बचाने की कोशिश
दरअसल, निमोनिया के चलते बच्चे की हालत बिगड़ गई थी. परिजन महात्मा गांधी अस्पताल में लाए, जहां मासूम की स्थिति नाजुक बनती गई. सुधार नहीं होने पर इंचार्ज डॉ. इंदिरा सिंह के नेतृत्व में स्पेशल टीम डॉक्टरों की बनाई गई. जिन्होंने 3 दिन मासूम को ऑब्जर्वेशन पर रखा.
यह भी पढ़ेंः राजस्थान की 11 हजार ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त, अफसर राज शुरू; कब होगा चुनाव