राक्षसों वाला कृत्य... गैंगरेप कर नाबालिग को भट्टी में जिंदा जलाने पर कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी

भीलवाड़ा की पॉक्सो कोर्ट ने कोटड़ी भट्ठी कांड के दरिंदों को उनके गुनाहों की सजा सुनाई है. अपने फैसले में कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की.

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कोटड़ी भट्ठी कांड

Bhilwara Bhatti kand: राजस्थान के भीलवाड़ा में कोटड़ी भट्ठी कांड के दरिंदों को उनके गुनाहों की सजा मिल गई. पॉक्सो कोर्ट ने दोनों सगे भाइयों को फांसी की सजा सुनाई है. करीब 100 पेज के फैसले में कोर्ट ने दोनों दरिंदों के खिलाफ तल्ख टिप्पणियां भी की. जज अनिल गुप्ता ने दोनों सगे भाइयों की हरकत पिसाच वाला कृत्य है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में 43 गवाह पेश किए गए थे, लेकिन एक गवाह को छोड़कर सभी ने दरिंदों के खिलाफ गवाही दी थी. 

'दोनों ने दरिंदगी हद पार की'

मजिस्ट्रेट ने अपने 100 पेज के फैसले में टिप्पणी करते कोर्ट ने कहा कि पिशाचीकृत के लिए इनकों दंड दिए जाने में कोई हिचकिचाहट नहीं महसूस कर रहा हूं. नाबालिग की हत्या के मामले में कालू पुत्र रंगलाल कालबेलिया और उसके भाई कान्हा को फांसी की सजा सुनाई गई. वहीं, दरिंदगी के लिए दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दोनों ने दरिंदगी की हद पार कर दी थी. यह हरकत पिशाच (राक्षस) वाला कृत्य है. 

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बता दें कि पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दरिंदगी करने के बाद भट्ठी जिंदा जलाने पर 19 मई को दो मुख्य आरोपियों को दोष सिद्ध माना था. इसके अलावा सात अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था. कोर्ट में सुनवाई के दौरान के कुल 43 गवाह पेश किए गए थे. इस दौरान एक को छोड़कर सभी ने दोनों दरिंदों के खिलाफ गवाही दी थी. कोर्ट में अपराध साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष में 222 दस्तावेज भी पेश किए.

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पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के आदेश

अब कोर्ट ने दोनों दरिंदों को फांसी की सजा सुनाने के साथ-साथ पीड़ित परिवार को एक-एक लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है. भट्टी कांड में नाबालिग के साथ गैंगरेप की पहचान करना बड़ी चुनौती थी. मामले में कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं था. साथ ही मासूम की भी मौत हो चुकी थी. पुलिस ने सबसे पहले कालू व कान्हा का पेनाइल स्वाब लिया. जिसने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म साबित करने में अहम रोल अदा किया. 

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इसके अलावा कोयले की भट्टी में मिले बच्ची के अवशेष व आभूषणों की पहचान न्यायालय के आदेश पर उपखंड मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में की, जहां आभूषण से भी नाबालिग की पहचान हुई. घटनास्थल पर कोयले की भट्टी में बालिका की हड्डियों के अवशेष मिले संग्रहित किए. मुलजिमों की निशान देही पर बरामद पीड़िता के शरीर के बॉडी पार्ट्स का डीएनए मिलान किया. मृतका के बॉडी के अवशेष के डीएनए का मृतका  के माता-पिता के डीएनए से करवाया गया.

भट्टी में मिली थीं कुछ हड्डियां

गौरतलब है कि यह मामला 2 अगस्त 2023 को भीलवाड़ा के कोटड़ी के शाहपुरा इलाके का था, जहां एक नाबालिग के साथ कालबेलिया जाति के दो लड़के कालू और कान्हा ने दरिंदगी की. इसके बाद बच्ची के सिर पर लाठी मारकर जिंदा कोयले की भट्टी में झोंक दिया था. बच्ची को ढूंढ़ने पर बारिश में भट्टी से धुआ उठता हुआ दिखाई दिया था. जिसपर अनहोनी होने का आभास हुआ. पास जाकर भट्टी में देखा तो सभी के होश उड़ गए. भट्टी के पास लड़की के कपड़े, चप्पल और कड़े पाए गए. साथ ही भट्टी में झांकर देखा तो उसमें से कुछ हड्डियां भी मिली थी. 

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