Kyrgyzstan Clash: राजस्थान के बांसवाड़ा और दौसा जिले के मिलाकर करीब 700 से अधिक छात्र किर्गिस्तान में फंसे हैं. किर्गिस्तान के बिश्केक में पाकिस्तानी छात्रों पर स्थानीय लोगों द्वारा हमले के बाद भारतीय छात्रों में चिंता और बढ़ गई है. किर्गिस्तान में फंसे राजस्थान के सभी छात्रों की मदद के लिए भजनलाल सरकार विदेश मंत्रालय के संपर्क में है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार किर्गिस्तान में पढ़ रहे सभी छात्र-छात्राओं के साथ है, वे खुद को अकेला न समझें. राजस्थानी विद्यार्थी किर्गिस्तान में सुरक्षित रहें, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
अधिकारियों को दिए गए निर्देश
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर सीएमओ की ओर से भारतीय विदेश मंत्रालय से छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के संबंध में चर्चा की गई है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को किर्गिस्तान के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखने के निर्देश दिए हैं. ताकि वहां राजस्थानी छात्र-छात्राओं को आवश्यक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जा सके. सीएमओ के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार किर्गिस्तान में पढ़ रहे राजस्थानी छात्रों की सुरक्षा के प्रति गंभीर और संवेदनशील है.
किर्गिस्तान में फंसे राजस्थानी छात्रों की सकुशल स्वदेश वापसी की दिशा में उच्चायोग के अधिकारियों के साथ सभी छात्रों की सुरक्षा के विषय में मुख्यमंत्री कार्यालय के उच्च अधिकारी निरंतर संपर्क में है। सभी छात्रों के सुरक्षित होने की जानकारी प्राप्त हुई है।
— Bhajanlal Sharma (Modi Ka Parivar) (@BhajanlalBjp) May 20, 2024
प्रत्येक छात्र की सुरक्षा…
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय की ओर से किर्गिस्तान में फंसे छात्रों के लिए आपातकालीन नम्बर (996555710041) जारी किया गया है. परेशानी की स्थिति में छात्र इस नम्बर पर किसी भी समय सम्पर्क कर यथासंभव सहायता प्राप्त कर सकते हैं. बड़ी संख्या में भारत से छात्र मेडिकल सहित उच्च अध्ययन के लिए किर्गिस्तान जाते हैं.
बांसवाड़ा के 700 छात्र पढ़ाई कर रहे
राजस्थान के भी कई अंचलों के छात्र किर्गिस्तान में मेडिकल समेत अन्य कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं. बांसवाड़ा के करीब 700 से अधिक छात्र और दौसा से भी कई छात्र किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. खास बात है कि किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में पिछले कुछ दिनों से उथल-पुथल मची हुई है. यहां हिंसक भीड़ छात्रावासों को निशाना बना रही है. इन छात्रावासों में भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान सहित कई देशों के छात्र रह रहे हैं.
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