भीलवाड़ा भट्टी कांड पर फैसला आज, गैंगरेप के बाद नाबालिग को जिंदा कोयले की भट्टी में दिया था डाल, सहम उठा था प्रदेश

Bhilwara Bhatti kand: नाबालिग लड़की के साथ पहले कोलू और कान्हा ने रेप कर उसके सिर पर लाठी मारकर बेहोश किया था. पकड़े जाने के डर से दोनों ने उसे जिंदा कोयले की जलती भट्टी में डाल दिया था.

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Bhilwara Bhatti kand: राजस्थान के भीलवाड़ा में 3 अगस्त को भीलवाड़ा में एक ऐसी सनसनीखेज घटना घटित हुई थी, जिसने पूरे राजस्थान के साथ पूरे देश को हिला कर रख दिया था. कोर्ट ने भी इस अपराध को जघन्य अपराधों की श्रेणी में माना था. बता दें कि पुलिस ने इस मामले की चार्जशीट 30 दिन के अंदर कोर्ट में पेश की थी.  जो की 473 पेज की है. इसी मामले पर शनिवार यानी आज भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 अपना पकड़ें गए सभी 11 आरोपियों पर फैसला सुनाएगी. जिसपर सबकी निगाहें टिकी है.इस केस की सुनवाई करीब 10 माह चली जो अब पूरी हो चुकी है.

चार्जशीट में क्या था

भीलवाड़ा पुलिस की तरफ से पेश की गई चार्जशीट में रूह कंपा देने वाले खुलासे थे. पुलिस के अनुसार दायर की गई चार्जशीट के मुताबिक, नाबालिग लड़की के साथ पहले दो आरोपियों कोलू और कान्हा ने रेप कर उसके सिर पर लाठी मारकर बेहोश किया था..नाबालिग के अचेत होने पर पकड़े जाने के डर से दोनों ने उसे  मुंह के बल जिंदा कोयले की जलती भट्टी में डाल दिया था. इसमें उनका साथ आरोपियों का पत्नियों, बहन, मां और बाप ने भी सहयोग किया था. 

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43 गवाहों के बयान किए थे दर्ज

मामले में राज्य सरकार ने विशेष लोक अभियोजक महावीर किसनावत को नियुक्त किया है. मामले में दो आरोपियों सहित 9 महिला- पुरुष का ट्रायल पॉक्सो कोर्ट -2 में जारी थी. जिसमें सरकार की ओर से 43 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गये हैं। जिसमें से 42 गवाहों ने इस मामले में सरकारी गवाह बनाया. वही दूसरी ओर इस मामले में एक महिला जो मुख्य आरोपी की सास थी उसने ने अभियोजन साक्ष्य के खिलाफ बयान दिया जिस पर स्पेशल पीपी किसनावत ने उसकी गवाही को खारिज कर  उसे पक्ष द्रोही घोषित किया. अभियोजन की ओर से 222 दस्तावेज साक्ष्य कोर्ट में पेश किए थे

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क्या था मामला

शाहपुरा जिले के कोटडी थाना क्षेत्र में दो अगस्त 2023 की इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोड़ के रख दिया था. इस कोटवाड़ा में रहने वाली नाबालिग के साथ दो दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदों को पार कर दिया था. घटना के दिन बच्ची के माता- पिता किसी  रिश्तेदारी में गए हुए थे. वह अकेली ही मवेशी चराने के लिए खेतों में चली गई थी. दोपहर में माता पिता के घर लौटने पर बेटी को  नहीं देखने पर उसकी तलाश करना शुरू कर दिया. गांव भर में पूछताछ करने के कारण बेटी के गायब होने की सूचना पूरे गांव में आग की तरह फैल गई. 

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इसके बाद सभी ने मिलकर करीब रात 10 बजे तक बच्ची की तलाश करते रहे थे.वही गांव के बाहर खेतों में  कालबेलियों के डेरे में कोयला भट्टी जलती देखी गई थी.इसके बाद ग्रामीणों को इतनी रात बारिश के समय में भट्टी जलने की वजह से कुछ शक हुआ. जिसके बाद वहां जाकर देखा तो वहां बच्ची के कपड़े, कड़ें, चप्पल और हड्डियां मिली. 

इसके बाद ग्रामीणों ने उसी समय शक के आधार पर रात में ही कुछ कालबेलिया लोगों को पकड़ लिया. पिता ने बच्ची की गुमशुदगी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी. जिसमें सामने आया था की उस भट्टी पर कान्हा और कालू भी रहते थे. पीड़िता के पिता के ही पास में खेत है.

कितने आरोपी

इस मामले की जांच भीलवाड़ा के पुलिस उपाधीक्षक श्याम सुंदर बिश्नोई ने की थी. जिसकी माॉनीरिटरिंग  एडीजी क्राइम दिनेश एमएन और अजमेर रेंज आईजी लता मनोज ने की थी. उन्होंने इस केस में मुख्य आरोपी कान्हा कालू समेत 9 लोगों को आरोपी बनाए हैं  जिसमें आरोपियों की पत्नी, बहन, मां और पिता अन्य  लोगों को आरोपी बनाया हैं . इन सभी पर आज कोर्ट अपना फैसवा सुनाएगी.


देश भर खूब गरमाई थी राजनीति

घटना को लेकर देश में राजनीति खूब गरमागई थी।.राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से लेकर सभी महिला संगठनों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मंडलों ने इस घटना के बाद कोटडी क्षेत्र में कई दिनों तक डेरा डाला हुआ था. 

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