Organ Transplant Fake NOC Case: जयपुर के बहुचर्चित ऑर्गन ट्रांसप्लांट केस में राजस्थान सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने डॉ. सुधीर भंडारी को स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन (SOTO) के चेयरमैन पद से हटा दिया है. एक दिन पहले राज्य सरकार ने ऑर्गन ट्रांस्प्लांट फर्जी एनओसी प्रकरण में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा, अधीक्षक डॉ अचल शर्मा और सोटो चेयरमैन डॉ. सुधीर भंडारी से इस्तीफा मांगा था. डॉ. राजीव बगरहट्टा और अचल शर्मा ने तो इस्तीफा दे दिया था. लेकिन सुधीर भंडारी ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है.
इसके बाद मंगलवार को राज्य सरकार ने मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी होने के प्रकरण में बड़ा एक्शन लेते हुए डॉ. सुधीर भंडारी को स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन के सुचारू संचालन के लिए गठित स्टीयरिंग कमेटी के चेयरमैन पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है.
चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि राज्य सरकार प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए लगातार एक्शन ले रही है. इससे पहले एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा और अधीक्षक डॉ अचल शर्मा को पद से हटाया गया था.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी जारी करने वाले मामले की जांच अब अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) करेंगे. मंगलवार को इस संबंध में राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी करते हुए ये जानकारी साझा की है.
इसमें लिखा है कि मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत एसीपी क्राइम को इस केस की जांच प्रभावी ढंग से करने के लिए सौंपी गई है. डॉ. रश्मि गुप्ता पहले से ही समुचित प्राधिकारी के रूप में जांच कर रही हैं. ऐसे में एसीपी क्राइम के समुचित प्राधिकारी नियुक्त होने से इस प्रकरण में आपराधिक दृष्टि से जुड़े पक्षों पर भी गहन जांच पड़ताल हो पाएगी.
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