Rajasthan News: राजस्थान में भजनलाल सरकार ने पट्टे को लेकर बड़ा ऐलान किया है. सरकार प्रदेश में पट्टा जारी करने की पारदर्शी योजना लाने जा रही है. नई योजना में पट्टे के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा. जबकि 30 दिन के अंदर पट्टा देना होगा ऐसी व्यवस्था की जाएगी. वहीं अगर आवेदन में अगर किसी तरह की खामी है तो हफ्ते भर में संबंधित निकाय को आवेदन को सूचना देनी होगी. इसके अलावा प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों की एक कमेटी बनेगी.
कमेटी में वे लोग अपील करेंगे जिनका आवेदन निकाय ने खारिज कर दिया है. अगर आवेदन बेवजह खारिज किया गया तो संबंधित कार्मिक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी.
अब जमीन के बदले समान जमीन ही मिलेगी
राजस्थान विधानसभा में लेखानुदान की मांगों पर UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जवाब देते हुए बताया कि कहा कि ज़मीन के बदले ज़मीन योजना योजना में बहुत गड़बड़ी थी हमने उसे हमने बंद कर दिया. अब जमीन के बदले समान जमीन ही मिलेगी. झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि जमीन के मुआवजे को लेकर हमने जो आदेश जारी किया उसमें और कांग्रेस के आदेश में अंतर था. उनके आदेश में कई गलियां थी सिस्टम में कई सुराख़ थे. DLC दर एक जोन में अनेक हो सकती है. आरक्षित दर 1 जोन की एक होती है, अब कोई भी जमीन के बदले जमीन में नाजायज फायदा नहीं उठा सकता.
भर्ती नियमों में होगा संशोधन
सफाई कर्मियों की हड़ताल पर UDH मंत्री ने कहा कि भर्ती नियमों में संशोधन के लिए सभी विधायक अपने सुझाव दें. इन सुझावों के आधार पर ऐसे पारदर्शी नियम बनाए जाएंगे. जिससे कि भर्ती प्रक्रिया में कोई किंतु या परंतु नहीं हो. मंत्री ने कहा कि सफाई कर्मियों के भर्ती के पहले जो नियम बने थे उनमें निकायों में 2 साल काम करने वाले अभ्यर्थियों के लिए प्रावधान था. उन नियमों में ऐसे अभ्यर्थियों को वरीयता देने का प्रावधान था. फिर उन नियमों में 2 साल की जगह 1 साल का अनुभव लागू किया गया. बाद में इसमें निजी क्षेत्र में सफाई करने वाले कार्मिकों को भी वरीयता देने का प्रावधान जोड़ दिया गया इससे पूरी भर्ती प्रक्रिया दूषित हो गई. लेकिन अब उसे ठीक किया जाएगा.
मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सदन में आठ महीने में किए गए विभाग के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि 30 हजार 408 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए हैं पुरानी स्वीकृति को मिलाकर 43 हजार 148 आवासों का निर्माण शुरू किया है. 434 करोड़ की भारत सरकार से राशि स्वीकृत कराई गई. अमृत वन योजना में तीन शहरों में 206 करोड़ के कार्य किए गये.
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