भजनलाल सरकार के निर्बाध बिजली आपूर्ति के निर्देश का दौसा में खुल रहा पोल, अधिकारी-कर्मचारी लापरवाह

राजस्थान की भजनलाल सरकार की 24 घंटे बिजली देने के वादे खोखले नजर आ रहे है. अघोषित बिजली कटौती से परेशान लोग विद्युत विभाग के सामने धरना देने पर मजबूर है. लोगों की शिकायत है कि बिजली विभाग के जिम्मेदार अफसर फोन नहीं उठाते है.

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Rajasthan News: राजस्थान इस समय भीषण गर्मी से जूझ रहा है. ऐसे में अघोषित बिजली कटौती से लोगों में सरकार के लिए आक्रोश बढ़ गया है. हालांकि भजनलाल सरकार ने प्रदेश में निर्बाध बिजली-पानी आपूर्ति के निर्देश दिये हैं. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से लोग परेशान हैं. जहां सरकार ने विभागीय मॉनिटरिंग के आदेश दिये हैं. इसके बावजूद दौसा में जिला मुख्यालय का ही हाल बुरा है.

यहां जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड दौसा का फीडर नंबर 1 पर प्रत्येक दिन रात 10:30 बजे से लेकर और 12:30 तक किसी भी समय बिजली गुल हो जाती है, और इस अघोषित बिजली कटौती के बीच बिजली विभाग के जिम्मेदार जूनियर इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर हो या जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के सीनियर इंजीनियर भी फोन नहीं उठाते हैं. सभी अधिकारियों के पास जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का CUG हेल्पलाइन नंबर है. इतना होने के बाद यह अधिकारी बेपरवाह और लापरवाही की सारी हदें पार करने में लगे है.

नहीं हो रही सुनवाई

दौसा के रामगढ़ पचवारा नगर भी भीषण गर्मी में अघोषित बिजली कटौती होने से आमजन के पसीने छूट रहे है. दफ्तर में बैठे विद्युत विभाग के आलाधिकारी AC में बैठकर गर्मी से बेहाल लोगों की समस्या समझ नहीं सकते है. साथ ही दौसा जिले के अलग अलग इलाकों में बिजली कटौती, ट्रिपिंग और कम वोल्टेज की सैकड़ों शिकायत दफ्तरों में या ऑनलाइन तरीकों से दर्ज करा रहे है. लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारियों के द्वारा कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अघोषित बिजली कटौती से जिले के कई इलाकों पर पेयजल का खतरा मंडराने लगा है.

मटका फोड़कर महिलाओं ने किया प्रदर्शन

बिजली कटौती और पेयजल की समस्याओं को लेकर अब लोग सड़कों पर उतरे आये है. सरकारी दफ्तरों में अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. मामला दौसा जिले के लालसोट में स्थित रामगढ़ पचवारा का है, जहां ग्रामीणों का गुस्सा फूटा पड़ा है. दर्जनों की संख्या में महिला और पुरुषों ने सहायक अभियंता विद्युत कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन और धरना दे रहे है.

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कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता बी.एल.मीणा ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

कटौती से पेयजल सप्लाई समय पर नहीं होने से महिलाओं के द्वारा कार्यालय परिसर में दफ्तर के बाहर मटके फोड़े गये.अपर विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर रोहित मीणा और असिस्टेंट इंजीनियर कुलदीप के सामने अपना विरोध दर्ज कराया हैं. इस मामले में दौसा कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता बी एल मीणा का कहना है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी. 

बांदीकुई क्षेत्र में भी बार-बार ट्रिपिंग, कम वोल्टेज की समस्या और अघोषित बिजली कटौती से रिहायसी इलाकों में भी हालात खराब है. विद्युत सप्लाई और ट्रिपिंग की समस्या की फरियाद दर्ज कराने सहायक अभियंता ऑफिस पहुंचे. जहां गेट पर ताला लगा मिला. विभाग में लगे लैंडलाइन भी डेड नजर आए.बिजली उपभोक्ताओं की माने तो विद्युत सप्लाई में वोल्टेज कम होने से ना तो कूलर ना ही पंखे चल पा रहे.

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 श्रद्धालु भी हो रहे परेशान  

यही हाल मेहंदीपुर बालाजी का है. विश्व प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी धाम भी दौसा जिले में स्थित है. जहां देश के हर कोने से श्रद्धालु बालाजी महाराज के दर्शन करने आते है.बीती  शाम कई घंटों से विद्युत सप्लाई बाधित होने के चलते आमजन सहित श्रद्धालुओं को भी भीषण गर्मी में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. जिससे राजस्थान के पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. 

कब होगी अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई

भजनलाल सरकार प्रदेश में विद्युत कटौती और पेयजल की समस्या को लेकर अलर्ट मोड पर है, पर बिजली विभाग के तमाम अधिकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियाों से बचते हुए नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल का 24 घंटे बिजली देने का सपना पूरा नहीं होने में यही वह अफसर है जिनके कंधों पर यह जिम्मेदारी है. अघोषित कटौती को लेकर सही से मॉनीटरिंग नहीं हो रही है. अब देखना होगा कि अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई हो पाएगी या दौसा जिले की जनता यूं ही इस भीषण गर्मी में परेशान होती रहेगी.

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यह खबर NDTV के Intern Ayush Sahu (आयुष साहू) के द्वारा एडिट की गई है.

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