Bikaner: बीकानेर में डेंगू का आतंक देखने को मिल रहा है. गुरुवार को एक बार फिर सामने आए आंकड़ों ने स्वास्थ्य विभाग के होश उड़ा दिए हैं। एक ही दिन में 46 डेंगू मरीज सामने आने के बाद अब यह आंकड़ा 648 पर पहुंच गया है. एमसीएच में 15 बेड बढ़ाकर 65 कर दिए गए हैं, वहीं हर यूनिट के लिए सात दिन की ड्यूटी तय की गई है. रेजीडेंट डॉक्टर्स को भी 24 घंटे ड्यूटी पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.
ग्रामीण चिकित्सा अधिकारियों की बुलाई बैठक
डेंगू को लेकर लगातार उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं. इस मामले को लेकर संयुक्त निदेशक देवेंद्र चौधरी ने ग्रामीण चिकित्सा अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. जिसमें उन्होंने पूरे जिले के स्टाफ को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अगले 7 दिनों में यह सुनिश्चित करें कि ग्रामीण क्षेत्र में हर घर तक कोई न कोई स्वास्थ्य कार्यकर्ता पहुंचे और वर्तमान में डेंगू मलेरिया की रोकथाम के लिए चल रहे सर्वे राउंड को गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करें.
इसके अलावा स्थानीय टीबी क्लीनिक सभागार में भी बैठक आयोजित की गई. जिसमें उन्होंने कई निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि खुले में रखे पानी के बर्तनों की जांच की जाए, लार्वा पाए जाने पर उन्हें नष्ट किया जाए, परिवार के सदस्यों को लार्वा रोधी कार्रवाई का प्रशिक्षण दिया जाए, बुखार का मरीज मिले तो उसकी मलेरिया स्लाइड बनाकर जांच के लिए अस्पताल भेजा जाए. साथ ही पीने के पानी में टेमीफोस का छिड़काव किया जाए और खुले गंदे पानी पर एमएलओ का छिड़काव भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से कराया जाए.
लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर होगी कार्रवाई
उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारियों को डेंगू और मलेरिया के खिलाफ अभियान को मिशन मोड पर लेने के निर्देश दिए.साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि उनके क्षेत्र में डेंगू के अधिक मामले सामने आए तो चिकित्सा अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माने जाएंगे और सख्त विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी. वहीं एमसीएच अस्पतालों में जांच को लेकर मरीज परेशान नजर आए. चिकित्सा विभाग के निरीक्षण के बाद भी कई जगह स्टाफ गायब मिला. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
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