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राजस्थान के पर्वतारोही राकेश बिश्नोई की मौत, दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से से लौटते समय गई जान

मूल रूप से बीकानेर के निवासी राकेश बिश्नोई ने अब तक देश-विदेश की 40 से अधिक चोटियों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ तिरंगा फहराया है. राकेश का लक्ष्य सातों महाद्वीपों की सातों सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा लहराने का था.

राजस्थान के पर्वतारोही राकेश बिश्नोई की मौत, दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से से लौटते समय गई जान
Mountaineer Rakesh Bishnoi: पर्वतारोही राकेश बिश्नोई की मौत

Mountaineer Rakesh Bishnoi Dies: भारतीय पर्वतारोही राकेश बिश्नोई की दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से से उतरने के बाद मौत हो गई है. नेपाल के 'हिमालयन टाइम्स' अखबार के अनुसार, राजस्थान में बीकानेर के रहने वाले राकेश बिश्नोई की ल्होत्से के शिखर से उतरते समय कैंप-4 के पास येलो बैंड में मौत हुई है. नेपाल के पर्वतारोहण गाइड के हवाले से बताया गया कि राकेश बिश्नोई ने रविवार को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की अपनी कोशिश छोड़ कर माउंट ल्होत्से पर चढ़ाई की थी. 

राकेश के साथ एक और पर्वतारोही की मौत 

राकेश बिश्नोई के अलावा रोमानियाई राष्ट्रीय टीवी के वीडियोग्राफर में ज़ोल्ट वागो की भी रविवार को ल्होत्से पर चढ़ने का प्रयास करते समय मौत हो गई. इससे पहले इस महीने की शुरुआत में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रयास करते समय एक फिलिपिनो और एक भारतीय पर्वतारोही की भी जान चली गयी थी.  

हिमालय की ल्होत्से चोटी समुद्र तल से 8,516 मीटर ऊचाईं पर स्थित स्थित है. यह माउंट एवरेस्ट, के-2 और कंचनजंगा के बाद ये पृथ्वी पर चौथा सबसे ऊंचा पर्वत है. माउंट ल्होत्से चोटी नेपाल और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के बीच की सीमा पर हिमालय में स्थित है. 

सागावाड़ा में है राकेश बिश्नोई का बिजनेस   

बता दें कि बीकानेर निवासी राकेश बिश्नोई अप्रैल की शुरुआत में विश्व की सबसे ऊंची एवरेस्ट चोटी पर चढ़ाई के लिए रवाना हुए थे. राकेश का डूंगरपुर के सागवाड़ा में उनका मिनरल वाटर का बिजनेस है. ऐसे में वह पिछले कई साल से सागवाड़ा में रह रहे थे. राकेश विश्नोई का लक्ष्य सातों महाद्वीपों की सातों सबसे ऊँची चोटियों पर तिरंगा लहराकर अपना सपना पूरा करना था.

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40 से अधिक चोटियों पर चढ़ाई का रिकॉर्ड 

2023 में राकेश ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर बिना गाइड के चढ़ाई करने वाले पहले भारतीय होने का रिकॉर्ड बनाया. इसके अलावा अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर दुनिया का सबसे लंबा 510 फीट का तिरंगा फहराने का अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है.

इस साल जनवरी में -40 डिग्री तापमान में राकेश बिश्नोई ने पहले पर्वतारोही के रूप में लद्दाख में माउंट यूटी कांगड़ी (6070 मीटर) और माउंट अन्जोंग (5780 मीटर) का सफलता पूर्वक फतह किया था. राकेश माउंट सतोपंथ (7084 मीटर) पर भी चढ़ाई कर चुके हैं. इसे स्वर्गारोहिणी पीक भी कहा जाता है. इसके अलावा कश्मीर की सबसे ऊंची चोटी माउंट कुन (7077 मीटर) पर बिना ऑक्सीजन के राकेश बिश्नोई सफलतापूर्वक तिरंगा फहरा चुके हैं. 
 

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