बीकानेर के सैनिक की मौत पर विवाद के बाद बनी सहमति, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ होगी अंतिम विदाई

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में तैनात बीकानेर के सैनिक रामस्वरूप कस्वां की मौत के बाद उनके परिजन और स्थानीय लोग कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन पर बैठ गए थे.

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Ramswaroop Kaswan News: जम्मू-कश्मीर में बीकानेर के पांचू के रहने वाले सैनिक रामस्वरूप कस्वां की मौत हो गई. इस मामले को लेकर विवाद बढ़ता देख अब जाकर सहमति बन गई है. 24 सितंबर को इस खबर के साथ इलाके में शोक की लहर के बाद परिजन और स्थानीय लोग कई मांगों को लेकर बीकानेर में धरने पर बैठ गए. वहीं बीकानेर-जयपुर नेशनल हाइवे पर जाम लगाते हुए धरना दिया. इस घटनाक्रम के बीच रविवार को प्रशासन और परिजनों के बीच सहमति बन गई, जहां अब सैनिक रामस्वरूप कस्वा का फायरिंग और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार दिया जाएगा.

4 दिन तक चले विरोध के बाद अंतिम विदाई

वहीं सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी पर कार्रवाई सहित कई बिंदुओं पर सहमति बन गई. खुद बीकानेर की DM सहित सभी अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे. धरनार्थियों और प्रशासन के बीच वार्ता सफल रही. इसके बाद सैनिक को कैप्टन चंद्र चौधरी सर्किल पर पुष्पांजलि के साथ अंतिम विदाई दी गई. वहीं उसके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा. पिछले 4 दिन तक चले धरने में मांगों को लेकर विधायक सुशीला डूडी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बिशना राम सियाग, शिवलाल गोदारा सहित कई नेताओं की अहम भूमिका नजर आई.

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सेना की 65 रेजीमेन्ट में तैनात थे सैनिक रामस्वरूप

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में तैनात सेना के जवान रामस्वरूप कस्वां सिर में गोली लगने से शहीद हो गए. रामस्वरूप कस्वां बीकानेर की नोखा तहसील के पांचू गांव के निवासी थे. वह श्रीनगर के अनंतनाग में सेना की 65 रेजीमेन्ट में तैनात थे. मंगलवार की सुबह उनके सिर में गोली लग गई और उन्हें तुरन्त सेना के अस्पताल ले जाया गया. लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके और उन्होंने दम तोड़ दिया. इसके बाद से ही यह हंगामा शुरू हुआ, लोगों ने सही जांच न करने का भी आरोप लगाया.

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