Rajasthan News: धौलपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता शिवराम कुशवाहा का सोमवार तड़के जयपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया. वे लंबे समय से कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और उनका उपचार जयपुर में चल रहा था. कुशवाहा के निधन की खबर से न केवल धौलपुर बल्कि पूरे राजनीतिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई है. उनके पैतृक गांव भिलगमा में भाजपा कार्यकर्ताओं और चाहने वालों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है।
वसुंधरा राजे के थे सबसे करीबी नेता
शिवराम कुशवाहा को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का सबसे करीबी और विश्वसनीय नेता के रुप में माना जाता था. साल 1998 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे ने ही उन्हें धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा था. कुशवाहा ने भारी मतों से जीत हासिल कर उस समय के कांग्रेस के दिग्गज नेता और मंत्री बनवारी लाल शर्मा को पराजित किया था. यह जीत धौलपुर की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई थी. वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे कुशवाहा ने सोमवार तड़के अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन से धौलपुर जिले की राजनीति में एक बड़ा शून्य सा आ गया है. निधन की खबर के सामने आते ही उनके आवास पर भाजपा पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक शोक व्यक्त करने पहुंच रहे हैं. उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव भिलगमा में ही किया जाएगा.
सादगी और बेदाग छवि के लिए जाने जाते थे कुशवाहा
पूर्व विधायक शिवराम कुशवाहा का जीवन बेहद सादगीपूर्ण रहा. राजनीति में उनकी छवि हमेशा बेदाग, स्वच्छ और ईमानदार नेता के रूप में मानी जाती थी. उनकी सादगी और नेक व्यक्तित्व के चलते विरोधी भी उनका सम्मान करते थे. उन्हें कुशवाहा समाज का एकमात्र सशक्त नेता माना जाता था. उनके निधन को भाजपा की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति माना जा रहा है.
सोशल मीडिया पर दी जा रही संवेदनाएं
पूर्व विधायक शिवराम कुशवाहा के निधन के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके समर्थकों के जरिए तस्वीरें अपलोड कर लगातार शोक संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं. फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स (ट्विटर) पर उनके चाहने वाले उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
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