भाजपा नेता देवी सिंह भाटी ने अफसरों पर लगाए गंभीर आरोप, बोले-मुख्य सचिव के कमरे के बाहर लाइन लगाते हैं विधायक

Rajasthan Politics: भाजपा नेता देवी सिंह भाटी ने अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अफसरशाही इस कदर हावी है कि जनप्रतिनिधियों को जनता के मुद्दे उठाने के लिए अफसरों के दफ्तर के बाहर कतार में लगना पड़ता है. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
भाजपा के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी.

Rajasthan Politics: भाजपा के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने कहा कि मुख्य सचिव के कमरे के आगे जनप्रतिनिधि विधायक लाइन लगाए खड़े रहते हैं. यह सब ठीक नहीं है. जनप्रतिनिधियों की अफसर नहीं सुनते हैं. साथ ही देवी सिंह भाटी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए राजेंद्र राठौड़ और संगठन की कार्यप्रणाली को दोषी ठहराया. 

राजेंद्र राठौड़ पर गंभीर आरोप लगाए  

मंगलवार यानी 18 जून को भाजपा नेता देवी सिंह भाटी ने राजेंद्र राठौड़ पर हमला बोला. राजेंद्र राठौड़ पर गंभीर आरोप लगाए. देवी सिंह भाटी ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ ने एक-दूसरे की काट करने की राजनीति की. इसी वजह से माहौल बिगड़ा. टिकट भी ठीक प्रकार से नहीं बंटे. सबसे घातक चूरू से सांसद राहुल कस्वां का टिकट काटना रहा है. 

"जाटों की नाराजगी से भाजपा को हुआ नुकसान"  

उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रति जाटों की नाराजगी से नुकसान हुआ. भाजपा के वरिष्ठ नेताओ की कमी की वजह से बाड़मेर से निर्दलीय विधायक खड़ा हो गया. 

"टिकट वितरण सही नहीं हुआ"

देवी सिंह भाटी ने कहा कि बीकानेर संभाग की तीन में से 2 सीट (श्रीगंगानगर और चूरू) हारने के बाद मुद्दे पर कहा कि टिकट वितरण सही नहीं हुआ. टिकट सही दिया जाता तो हम तीनों सीट जीत जाते. उन्होंने कहा कि किसी न किस के दबाव में टिकटों को बदला गया. इसी वजह से पार्टी को 11 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. 

Advertisement

भाटी के बयान से सियासी गलियारों में खलबली मची 

भाजपा ने देवी सिंह भाटी के बयान से भाजपा में सियासी हलचल मच गई. लोकसभा चुनाव में राजस्थान में बीजेपी को 11 लोकसभा सीटों पर हार मिली. इसको लेकर पार्टी स्तर मंथन किया जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आखिर देवी सिंह भाटी को ऐसी क्या जल्दी हुई, जो उन्होंने भाजपा की हार को लेकर अपना विश्लेषण कर अपनी ही पार्टी और सरकार को घेर लिया. 

यह भी पढ़ें: धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लाने की तैयारी में राजस्थान सरकार, सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा