मुनेश गुर्जर के निलंबन कार्रवाई पर बीजेपी को मिली चेतावनी, जातीय संगठनों ने कहा- उपचुनाव में भुगतेंगे परिणाम

जातीय एवं सामाजिक संगठनों ने मुनेश पर कार्रवाई को लेकर एक ओर सरकार को चेतावनी दी है. साथ ही पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर मुनेश गुर्जर को फंसाने का आरोप लगाया है.

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Munesh Gurjar: जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर पर एक ओर निलंबन तो दूसरी ओर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. वहीं बीजेपी नेता मुनेश गुर्जर को निलंबित करने की बात कर रहे हैं. इसके अलावा कोर्ट ने जहां मुनेश गुर्जर के खिलाफ हाई कोर्ट ने चालान पेश करने का निर्देश दिया है. वहीं दूसरी ओर स्थानीय निकाय विभाग ने मुनेश गुर्जर को नोटिस थमा कर तीन के अंदर दस्तावेज के साथ पेश होने और अपना पक्ष रखने को कहा है.

स्थानीय निकाय विभाग ने कहा है कि अगर तीन दिन में जवाब नहीं देने पर जांच की कार्यवाही को पूरा माना जाएगा. लेकिन इन सब के बीच मेयर मुनेश गुर्जर के बचाव में जातीय संगठन उतर आए हैं. कई जातीय एवं सामाजिक संगठनों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मेयर मुनेश गुर्जर पर कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया.

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खाचारियावास पर मुनेश को फंसाने का आरोप

जातीय एवं सामाजिक संगठनों ने मुनेश पर कार्रवाई को लेकर एक ओर सरकार को चेतावनी दी है. साथ ही पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर मुनेश गुर्जर को फंसाने का आरोप लगाया है. प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अखंड भारत गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवनारायण गुर्जर ने कहा कि हम गुर्जर समाज के लोग पीड़ा में हैं. यह पिछड़ा हुआ समाज है. बड़ी मुश्किल से हमारे समाज की महिला राजनीति में आती है. पहले भी ग्रेटर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर के साथ साजिश हुई थी. बीते दो ढाई सालों में मुनेश गुर्जर के खिलाफ भी साजिश हुई है.

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बीजेपी विधानसभा उपचुनाव में भुगतेंगे परिणाम

उन्होंने कहा कि बदले की भावना से उनके खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र रचा गया. गुर्जर समाज को बीजेपी से न्याय की उम्मीद थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अगर कोई कार्रवाई हुई तो हम चुप नहीं बैठेंगे. गुर्जर समाज प्रतिक्रियावादी है. यह समाज प्रतिक्रिया जरूर देता है. हमने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. इसकी फिर से जांच हो, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो. उच्च स्तरीय जांच कमिटी से इस मामले की जांच हो. 

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अगर बिना सुने निलंबन की कार्रवाई होगी तो समाज में गलत संदेश जाएगा. विधानसभा का उपचुनाव भी सामने है. अगर जल्दबाजी में निर्णय लिया गया तो बीजेपी को परिणाम भुगतना होगा. अपने चहेतों को लाभ दिलाने के लिए षड्यंत्र रचा गया. सुधांशु ढिल्लो को हथियार बनाकर इस्तेमाल किया गया. तस्वीरे इसकी गवाह है वह पूर्व मंत्री का करीबी है.

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