उदयपुर में दिख रहा BJP vs BJP, विधायक के खिलाफ मुखर हुए पारस सिंघवी, छोड़ दी उपमहापौर की कुर्सी

पारस सिंघवी ने विधायक ताराचंद जैन को लेकर कहा कि विधायक द्वेष भावना रख रहे हैं और कह रहे हैं कि विधायकी का 1 साल निकल गया आगे 4 साल भी निकाल लेंगे. यह जनता के प्रति द्वेष भावना है.

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पारस सिंघवी और विधायक ताराचंद जैन

Rajasthan Politics: बीजेपी के गढ़ कहे जाने वाले उदयपुर में नगर निकाय चुनाव से पहले बीजेपी vs बीजेपी की स्थिति बनती नजर आ रही है. शहर के वरिष्ठ बीजेपी नेता नगर निगम उपमहापौर पारस सिंघवी ने बीजेपी के ही उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन को लेकर खुलकर बात कही. पारस सिंघवी ने विधायक ताराचंद जैन को लेकर कहा कि विधायक द्वेष भावना रख रहे हैं और कह रहे हैं कि विधायकी का 1 साल निकल गया आगे 4 साल भी निकाल लेंगे. यह जनता के प्रति द्वेष भावना है. पारस सिंघवी के बयान के बाद पूरे शहर में चर्चा बनी हुई है. पारस सिंघवी इससे पहले भी मुखर हो चुके हैं. 

बयानबाजी के पीछे 136 करोड़ रुपए का एलिवेटेड रोड

पारस सिंघवी द्वारा खुलकर बोलने के पीछे उदयपुर शहर में बनने वाला करीब 136 करोड़ लागत का एलिवेटेड रोड हैं जो कि 2.75 किमी टू लेन एलिवेटेड रोड होगा. उदयपुर सिटी स्टेशन से कलेक्टर निवास तक यह बनेगा. इसका एक दिन पहले ही पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भूमि पूजन किया था. बीजेपी की तरफ से उसका बड़ा आयोजन किया गया. इस आयोजन में उपमहापौर पारस सिंघवी नहीं पहुंचे. इसके बाद से ही चर्चाओं का बवंडर शहर में उठ गया था. हालांकि पारस सिंघवी ने इसके सवाल पर कहा कि पारिवारिक कार्यक्रम में जाने के कारण नहीं शामिल हुआ था. 

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एलिवेटेड रोड के बारे में बोलते हुए पारस सिंघवी ने कहा कि मैं विकास का विरोधी नहीं हूं. एलिवेटेड रोड का कोई विरोध नहीं हैं. लेकिन डीपीआर में सुधार की जरूरत हैं. इसमें 80 प्रतिशत व्यापारियों को नुकसान हो रहा हैं. अब विधायक  जिद पर है तो क्या कर सकते हैं.

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विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे टिकट नहीं दिया था. उसकी जो पीड़ा हुई थी वह मैंने दिखा दी थी और फिर पार्टी के समर्थन में जुट गया था. विधायक ताराचंद जैन ने चुनाव जीतने के बाद कहा था कि मैं द्वेष भाव नहीं रखूंगा, अब वो द्वेष भाव रख रहे हैं. 1 साल निकल गया.. 4 साल भी निकल जाएंगे, फिर क्या.. इसलिए किसी से द्वेष भाव नहीं रखना चाहिए.

सिंघवी ने छोड़ी उपमहापौर की कुर्सी

नगर निकायों के पार्षदों का कार्यकाल होने वाला है लेकिन इससे पहले ही पारस सिंघवी ने इस घटनाक्रम के बाद अपनी कुर्सी छोड़ी दी है. कुर्सी छोड़ने के सवाल पर कहा कि 19 नवंबर को शपथ ली थी और 19 नवंबर को कुर्सी छोड़ दी, क्योंकि मेरे हिसाब से कार्यकाल मेरा पूरा हो चुका है. हालांकि चर्चाएं हैं कि एलिवेटेड रोड को लेकर बवंडर उठा है उसके विरोध में पारस सिंघवी ने कुर्सी छोड़ी है.

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