बड़ी खबर: SI भर्ती पेपर लीक मामले में गिरफ्तार 10 आरोपियों को राजस्थान हाई कोर्ट से मिली जमानत

आज एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने को लेकर भी हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले पर अदालत ने सरकार से 2 हफ्ते के अंदर फैसला लेने के लिए कहा है.

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राजस्थान हाई कोर्ट बेंच, जयपुर.

Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने शुक्रवार दोपहर एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में गिरफ्तार करीब 12 आरोपियों को जमानत दे दी. इनमें करणपाल, एकता, मनोहर, सुरेंद्र, रोहिताश्व, प्रेमसुखी, अभिषेक, राजेश्वरी, प्रवीण और नीरज कुमार यादव का नाम शामिल है. पिछले दिनों सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रखा था. आज इस मामले में सुनवाई हुई और कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी.

पहले पोस्टिंग पर लगाई थी रोक

इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने इस भर्ती के तहत चयनित अफसरों की आउट परेड पर रोक लगा दी थी. साथ ही इन पुलिस सब इंस्पेक्टर को ट्रेनिंग पूरी होने के बाद दी जाने वाली पोस्टिंग पर भी रोक लगा दी गई थी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि, 'एसआई भर्ती 2021 की आउट परेड और पोस्टिंग हाईकोर्ट के आदेशों के अधीन रहेगी. जब तक इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं आ जाता.'

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'SOG ने की भर्ती रद्द करने की सिफारिश'

याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट हरेंद्र नील ने उस वक्त कहा था कि, 'जस्टिस समीर जैन की बेंच के सामने हमने यह तर्क दिया कि SOG ने इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की है. पुलिस मुख्यालय ने भी इस रिपोर्ट पर सहमति जताई है और महाधिवक्ता ने भी अपनी राय दी है कि इस भर्ती को रद्द किया जाए और 2021 में जिन उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, उनकी परीक्षा को फिर से लिया जाए. इन सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. इस पर कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया, जिसके तहत इन कर्मचारियों की पासिंग आउट परेड और फील्ड पोस्टिंग पर तलवार लटक गई.'

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भर्ती रद्द कब की जा सकती है?

भर्ती रद्द करने के कुछ पैरामीटर हैं, जिनका उल्लेख सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में किया गया है. इन फैसलों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर चयनित उम्मीदवारों में से किसी टेंडेड (विकृत) उम्मीदवार को अनटेंडेड (स्वच्छ) उम्मीदवार से अलग किया जाता है, तो भर्ती रद्द की जा सकती है, और इस मामले में कोई विकल्प नहीं होता. यही एकमात्र तरीका है कि इस भर्ती को पुनः आयोजित किया जाए.

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नील ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के इन जजमेंट्स का हवाला देते हुए हमने कोर्ट से यह प्रार्थना की थी कि इस भर्ती को रद्द किया जाए और उन अभ्यर्थियों को न्याय मिले जिनके 300 से अधिक अंक थे, लेकिन फर्जी प्रक्रिया के कारण उनका चयन नहीं हो सका. ये अभ्यर्थी 2021 से पीड़ित हैं. इसके अलावा, हमने यह भी प्रार्थना की कि इनमें से कुछ उम्मीदवारों को उम्र में छूट दी जाए, क्योंकि कुछ उम्मीदवार समय सीमा से बाहर हो चुके हैं.'

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