रिश्वतखोर RAS अधिकारी ADM विजय सिंह नाहटा को 3 साल की जेल, 10 हजार रुपए घूस लेते रंगेहाथ पकड़े गए थे

Rajasthan Bribe Case: राजस्थान के एक रिश्वतखोर अधिकारी को घूसखोरी के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई है. मामला जोधपुर का है. जहां एसीबी कोर्ट ने सीनियर आएएस अधिकारी विजय सिंह नाहटा को यह सजा सुनाई. 

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रिश्वतखोरी के मामले में विजय सिंह नाहटा को तीन साल की जेल.

Rajasthan Bribe Case: राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई के साथ-साथ अब कोर्ट द्वारा रिश्वतखोर अधिकारियों को सजा भी सुनाई जा रही है. गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की कोर्ट ने एक सीनियर आएएस अधिकारी विजय सिंह नाहटा को तीन साल की जेल की सजा सुनाई. विजय सिंह नाहटा को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था. रिश्वतखोरी के मामले में नाहटा की गिरफ्तारी 5 साल पहले हुई थी. लेकिन अब एसीबी कोर्ट ने उसे सजा सुनाई है. 

दरअसल 10 हजार रुपए रिश्वत लेते 2019 में रंगे हाथ गिरफ्तार हुए तत्कालीन वरिष्ठ आरएएस अधिकारी विजय सिंह नाहटा को जोधपुर एसीबी कोर्ट संख्या 1 ने 3 साल कारावास की सजा के आदेश दिए. कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद आरोपी वरिष्ठ आरएएस अधिकारी नाहटा की जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया. ऐसे अब उनके पास 3 महीने का समय है, जिसमें वह अपनी सजा के खिलाफ सक्षम न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं.

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जोधपुर एडीएम रहते नाहटा ने ली थी घूस

मामला अप्रैल 2019 का है. तब जोधपुर के रहने वाले पप्पू राम वैष्णव की जमीन पीपाड़ में आई हुई थी और अपने जमीन का सीमांकन करवाने के लिए उसने जिला कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्या बताई. इसके बाद जिला कलेक्टर ने तत्कालीन एडीएम द्वितीय विजय सिंह नाहटा को इस मामले में कार्यवाही करने को कहा. जमीन की पत्थरगढ़ी के आदेश जारी करने की एवज में तत्कालीन जोधपुर अतिरिक्त कलेक्टर द्वितीय के पद पर तैनात विजय सिंह नाहटा ने परिवादी पप्पू राम से ₹10000 की रिश्वत मांगी थी. 

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एडीएम द्वारा घूस मांगे जाने की शिकायत पीड़ित पप्पू राम ने एसीबी से की. एसीबी ने मामले की गंभीरता देखते हुए शिकायत के साथ ही मामले का सत्यापन कर एडीएम को ट्रैप किया था. एसीबी ने जब ट्रैप की कार्यवाही की तो एडीएम के पास और भी दो लोगों से लिए हुए रिश्वत की राशि बरामद हुई थी. हालांकि उस मामले में किसी ने शिकायत नहीं की थी. लेकिन पप्पू राम द्वारा की गई शिकायत का सत्यापन के बाद पप्पू राम द्वारा दी गई राशि बरामद होने के बाद अप्रैल 2019 में एसीबी ने मामला दर्ज कर किया था. 

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घूसखोरी में गिरफ्तारी के बाद किए गए निलंबित

इसके बाद से तत्कालीन एडीएम विजय सिंह नाहटा को निलंबित कर दिया था. अब आखिर करीब 5 साल बाद गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक अदालत के न्यायाधीश मदन गोपाल सोनी ने रिश्वत के आरोपी वरिष्ठ आरएएस अधिकारी विजय सिंह नाहटा को 3 साल की सजा व 30 हजार का जुर्माना लगाया. सरकार की तरफ से लोक अभियोजक उपेंद्र शर्मा ने पैरवी की. बताया जाता है कि विजय सिंह नाहटा के खिलाफ जैसलमेर के फतेहगढ़ में भी इस तरह का मामला सामने आया था. लेकिन उस समय वह बच निकले थे.

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